सूर्या मैग्जीन की वो तस्वीरें जहां से शुरू हुआ बाबू जगजीवन राम के राजनीतिक करियर का पतन
आपको जानकारी के लिए बता दें कि संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी के संपादन में एक मैग्जीन छपती थी, उस मैग्जीन का नाम था सूर्या। साल 1978 में इस मैग्जीन में जगजीवन राम के बेटे सुरेश की एक लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाते हुए तस्वीरें छपी थीं। यह नग्न तस्वीरें सबसे पहले मैग्ज़ीन के कंसल्टिंग एडिटर खुशवंत सिंह के पास आई थीं।
खुशवंत सिंह अपनी ऑटोबायोग्राफी में इन तस्वीरों के बारे में लिखते हैं कि वो तस्वीरें बिल्कुल नग्न थीं। खुशवंत सिंह के मुताबिक, वह ये तस्वीरें छापने के बिल्कुल खिलाफ थे, बावजूद इसके ये तस्वीरें उस मैग्जीन में प्रकाशित की गईं। इन तस्वीरों के छपते ही पूरे देश में हंगामा मच गया और यहीं से दलितों के पोस्टर ब्वॉय बाबू जगजीवन राम के राजनीतिक करियर का पतन शुरू हो गया। दरअसल बाबू जगजीवन राम के सुपुत्र सुरेश की जो तस्वीरें सूर्या मैग्जीन में छपी थीं, उसमें वह दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्रा सुषमा के साथ शारीरिक संबंध बना रहे थे।
देश के सियासी गलियारे में तूफान मचने के बाद सुरेश ने बयान दिया कि उनके राजनीतिक विरोधियों ने उनका अपहरण करके, उन्हें कार में डाल दिया। इसके बाद उन्हें कुछ पिलाया और फिर बेहोशी की हालत में एक लड़की को बुलाकर ऐसी तस्वीरें खींच ली।
हांलाकि सुरेश का यह बयान खोखला साबित हुआ। बाद में सुरेश ने सुषमा से शादी कर ली, बावजूद इसके उनके पिता बाबू जगजीवन राम का राजनीतिक करियर दोबारा चमक नहीं पाया। इस पूरे मामले में केसी त्यागी नाम के एक व्यक्ति का नाम भी सामने आया था, जो उन दिनों डीयू के युवा नेता थे। राजनीतिक गलियारे में आज भी यह सुगबुगाहट उठती है कि सूर्या मैग्जीन की वो तस्वीरें बाबू जगजीवन राम का राजनीतिक करियर खत्म करने के लिए छपवाई गई थी।