साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध का नाम लेते ही भारत का हर नागरिक रोमांचित हो उठता है। इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को कारारी मात दी थी। सैनिकों के असीम साहस और शौर्य की बदौलत ही इस जंग में भी भारत ने पूरी दुनिया को अपनी ताकत का लोहा मनवाया था।

इस स्टोरी में आज हम आपको एक ऐसे भारतीय जांबाज के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे दुश्मन की पांच गोलियां लगी थी, फिर भी उसने कुल 48 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था। जी हां, राजस्थान के सीकर निवासी इस फौजी का नाम है दिगेंद्र सिंह। बता दें कि दिगेंद्र सिंह साल 2005 में सेना से सेवानिवृत्त हुए।

उरी हमले के बाद एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि यदि पाकिस्तान से दोबारा जंग हुई तो वह लडऩे के लिए बॉर्डर पर जरूर जाएंगे। दिगेंद्र सिंह के मुताबिक, जिस दिन पाक के साथ युद्ध की घोषणा होगी, मैं बिस्तर उठाकर अपनी बटालियन के पास चला जाउंगा।

अगर भारत सरकार आदेश नहीं देगी तो इसके लिए हर संभव कोशिश करूंगा। दिगेंद्र सिंह भारतीय सेना की बटालियन राजपूताना राइफल्स के बेस्ट कमांडो में से एक थे। करगिल युद्ध में दिगेंद्र के सीने में 3, हाथ व पैर में एक-एक गोली लगी थी। युद्ध के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर केआर नारायणन ने दिगेंद्र सिंह को महावीर चक्र से सम्मानित किया था।

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