राजीव गांधी को नहीं मालूम था कि जिस शख्स की जिंदगी बचाने के लिए वे उसे अपनी बुलेटप्रूफ जैकेट दे रहे हैं, एक दिन वहीं उनकी मौत का सौदा करेगा। ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण भारत आया था और उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से दिल्ली में मुलाकात भी की थी।

राजीव गांधी ने भी प्रभाकरण पर समझौते के लिए कोई दवाब नहीं डाला, दोनों की जब बातचीत खत्म हुई तो राजीव गांधी ने चलते समय अपनी बुलेटप्रूफ जैकेट प्रभाकरण को थमा दी। राजीव गांधी का अपनी बुलेटप्रूफ जैकेट प्रभाकरण को देना दर्शाता है कि वे उसकी जान पर मंडराते खतरे को लेकर न केवल चिंतित थे बल्कि उसकी सुरक्षा को लेकर भी सतर्क थे।

लेकिन उनको नहीं मालूम था कि जिस शख्स की जान की वे इतनी चिंता कर रहे हैं वो ही एक दिन उनकी हत्या की साजिश रचेगा, गौरतलब है कि राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरमबदूर में मानव बम के जरिए हत्या कर दी गई थी।

इस साजिश को अंजाम देना वाला कोई ओर नहीं लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण ही था। जब भारत ही नहीं श्रीलंका के लोगों को इस बात का पता चला कि राजीव गांधी की हत्या प्रभाकरण ने करवाई है तो उनको भी इस बात का यकीन नहीं हुआ।

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