आपको जानकारी के लिए बता दें प्रियंका गांधी की यूपी में सियासी लांचिंग के लिए 10 फरवरी को लखनऊ के रमाबाई मैदान में होने वाली रैली सुनिश्चित थी, लेकिन इस प्लान को अब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। सोमवार को प्रियंका गांधी के विदेश से भारत वापस लौटते ही एक विशेष रणनीति के तहत उनके यूपी दौरे के लिए नए सिरे प्लान बनाए जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी कुंभ स्नान के जरिए यूपी का सियासी दौरा शुरू करेंगी। बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी सबसे पहले आनंद भवन जाएंगी, इसकेे बाद वहां से प्रयागराज में कुंभ स्नान के लिए जा सकती हैं।

मीडिया खबरों के मुताबिक, कुंभ स्नान के बाद प्रियंका गांधी लखनऊ जाएंगी। लखनऊ में वो कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं संग बैठक करेंगी। अब आप सोच रहे होंगे कि प्रियंका गांधी के कुंभ स्नान के पीछे कौन सी सियासी रणनीति हो सकती है?

जी हां, आपको जानकारी के लिए बता दें कि प्रियंका गांधी का कुंभ स्नान सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड के रूप में देखा जा रहा है। प्रियंका गांधी के कुंभ स्नान के जरिए प्रयाग के आसपास की करीब 6 लोकसभा सीटों इलाहाबाद, फूलपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, भदोही और मछलीशहर को साधने की सफल रणनीति मानी जा रही है।

बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने महासचिव प्रियंका गांधी को पूर्वांचल की जिम्मेदारी सौंपी है। बता दें कि राजनीति में प्रियंका गांधी की एंट्री कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक है। चूंकि पूर्वांचल ब्राह्मण बाहुल्य इलाका है, ऐसे में इस वर्ग को कांग्रेस में एक बार फिर से जोड़ने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी की होगी। बता दें कि प्रियंका गांधी का कुंभ स्नान इसी वोटबैंक को जोड़ने का हिस्सा मात्र हो सकता है। प्रियंका गांधी यदि ब्राह्मण मतदाताओं के अलावा मुस्लिम और दलित मतों को अपनी तरफ खींचने में कामयाब हो जाती हैं, तब बीजेपी और सपा-बसपा गठबंधन दोनों के सियासी समीकरण ध्वस्त हो सकते हैं।

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