प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना संकट से यह अहसास हो गया है कि दुनिया को नए बिजनस मॉडल्स की जरूरत है। उन्होंने सोशल मीडिया लिंक्डइन पर शेयर किए अपने आर्टिकल में कहा कि युवा ऊर्जा से लबालब भारत कोविड-19 के बाद की दुनिया को यह नया मॉडल देगा। पीएम ने कहा कि कोरोना वायरस के महासंकट ने कितना कुछ बदल दिया है। किसी ने जो सोचा नहीं होगा, वैसी परिस्थितियां पैदा हो गई हैं। अब चलिए जानते है कि बिजनस मॉडल क्या है।

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प्रधानमंत्री ने अंग्रेजी वर्णमाला के पांच स्वर अक्षरों (वॉवेल्स) ए, ई, आई, ओ और यू पर आधारित क्रमशः अडेप्टेबिलिटी (अनुकूलता), एफिशिएंसी (दक्षता), इन्क्लूसिविटी (समावेशिता), अपॉर्च्युनिटी (अवसर) और यूनिवर्सलिजम (सार्वभौमिकता) के जरिए नए बिजनस और वर्क कल्चर के लिए जरूरी बिंदुओं का उल्लेख किया।

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उन्होंने लिखा, 'मैं इसे वॉवेल्स ऑफ न्यू नॉर्मल कहता हूं क्योंकि अंग्रेजी भाषा में वॉवेल्स की तरह ही ये भी कोविड के बाद की दुनिया के नए बिजनस मॉडल के अनिवार्य अंग बन जाएंगे।' उन्होंने जनधन खातों को आधार और मोबाइल नंबर से जोड़े जाने का गरीबों की जिंदगी पर पड़े असर और शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक के विस्तार के लाभ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया नए प्रकार के बिजनस मॉडल्स की तलाश कर रही है।

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