इंटरनेट डेस्क। इंडियन आर्मी दुनिया की शक्तिशाली सेनाओं में शुमार करती है। इसके सैनिक अपनी बहादुरी और शौर्य के लिए पूरी दुनिया में विख्यात हैं। दुनिया की कोई भी फौज हो इन रणबांकुरों के आगे टिकने की हिम्मत नहीं करती है। ये भारतीय सैनिक अपने हौंसलों से दुश्मनों को धूल चटाने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।

भारतीय सेना के युद्ध इतिहास में ऐसे कई महावीर योद्धा हुए हैं, जिन्होंने अकेले दम पर युद्ध का पासा तक पलट दिया है। इंडियन आर्मी के कई वीर सैनिकों को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार महावीर चक्र से भी सम्मानित किया जा चुका है। इन वीर योद्धाओं की कही गई बातें ना केवल भारतीय सेना के जवानों के लिए नजीर बन चुकी है, बल्कि भारत का हर नागरिक इनसे वाकिफ है।

फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ

फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की यह बात आज तक कोई नहीं भूलता- अगर कोई ये कहता है कि उसे मौत का खौफ नहीं, या तो वह झूठ बोल रहा है या फिर वह एक गोरखा है।

परमवीर चक्र विजेता, कैप्टन मनोज कुमार पांडे

कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी दुश्मनों को धूल चटाने वाले कैप्टन मनोज कुमार पांडे को मरणोपरांत परमवीर चक्र से नवाजा गया। मनोज पांडे ने कहा था- खुद को साबित करने से पहले मुझे मौत भी आ गई, तो सौगंध खाता हूं, मैं मौत को मार डालूंगा।

यह परमवीर चक्र विजेता अक्सर कहा करता था कि दुश्मनों को माफ़ करना ईश्वर का काम है, लेकिन उनकी ईश्वर से मुलाकात कराना हमारा काम है।

परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा

कारगिल के इस महावीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा ने यह बात कही थी-मैं तिरंगा फहरा कर वापस आऊंगा या फिर तिरंगे लिपटकर आऊंगा, लेकिन मैं वापस ज़रूर आऊंगा। बत्रा अक्सर यह बात कहते थे कि भगवान हमारे दुश्मनों पर दया करे, लेकिन हम नहीं करेंगे। इतना ही नहीं सबसे अच्छे दोस्त और सबसे बुरे दुश्मन सिर्फ हमसे ही मिलते हैं।

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