राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार द्वारा संसद परिसर में धरने प्रदर्शन की इजाजत नहीं करने देना विपक्ष के अधिकारों का हनन है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा धरना प्रदर्शन पर रोक लगा देना यह लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधे तौर पर हमला है।

आपको बता दें कि सचिवालय द्वारा एक नई सूची जारी की गई है जिसमें संसदीय में किस तरह से कार्यवाही करनी है और किस तरह से नहीं उसे लेकर एक लंबी गाइडलाइन जारी की गई है। वही उस सूची में कई ऐसे शब्दों को भी जोड़ा गया है जो अब असंसदीय माने गए हैं।

जिस से लेकर विवाद चल रहा है वहीं दूसरी और अब शरद पवार ने एक बड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि संसद परिसर में धरना प्रदर्शन की इजाजत नहीं देना किसी भी तरह से लोकतांत्रिक नहीं है उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है।

वहीं इस पूरे मामले में बचाव करते हुए सरकार का पक्ष रखते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि जो सूची जारी की गई है उन्हें संसदीय शब्दों का इस्तेमाल करने पर कोई रोक नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान ने सभी को बोलने की आजादी दी है लेकिन कई बार शब्दों का गलत इस्तेमाल किया जाता है इसके लिए उस सूची में इन शब्दों को समय-समय पर जोड़ा जाता है।

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