अपने बयानों के चलते चर्चा में रहने वाले शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय रावत ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है जिसे लेकर राजनीति होना तय है। संजय रावत पार्टी शिवसेना के मुखपत्र सामना के भी संपादक है और अब वहीं से एक बात सामने आई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की जगह जिन्हा को मारा होता तो आज पाकिस्तान बनाने की नौबत नहीं आती।

शिवसेना नेता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में 14 अगस्त को विभाजन भयावह स्मरण दिवस के रूप में मनाने की पीएम नरेंद्र मोदी की घोषणा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी के बजाय मुहम्मद अली जिन्ना को मार डाला होता तो इसकी आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने कहा, "जिन्ना की हत्या से पाकिस्तान का निर्माण टल जाता।

आपको बता दें कि नाथूराम गोडसे द्वारा आजादी के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गोडसे ने 1948 में गांधी की हत्या कर दी थी।

राउत ने यह भी रेखांकित किया है कि भारत का विभाजन वास्तव में एक भयावह घटना थी जिसने हिंदुओं पर घाव छोड़े, हालांकि, जिन्होंने इसका विरोध किया, उन्होंने अफगानिस्तान में सैनिकों की तरह अपने हथियार डाल दिए। राउत ने कहा कि जो लोग 'अखंड हिंदुस्तान (अविभाजित भारत) और भारत और पाकिस्तान के पुनर्मिलन की वकालत करते हैं, वे वही थे जिन्होंने आजादी के समय पाकिस्तान के विचार को स्वीकार किया था और इसके लिए लड़ाई नहीं लड़ी थी। उन्होंने मराठी विद्वान नरहर कुरुंदकर को उद्धृत किया, जिन्होंने कहा कि इन लोगों ने मुस्लिम लीग के विभाजन के सिद्धांत को स्वीकार कर लिया और युद्ध के मैदान से पीछे हट गए।

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