पंजाब में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर जांच एजेंसियां ​​सतर्क हो गई हैं और मामले की पूरी गहराई से जांच की जा रही है. गृह मंत्रालय की टीम ने फिरोजपुर जाकर घटना को अंजाम दिया। इसके बाद फिरोजपुर पुलिस ने कुलगढ़ी थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

पंजाब पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 283 के तहत मामला दर्ज किया है। पीएम के काफिले को रोकने वालों ने खुद का वीडियो बनाकर इसकी पुष्टि की थी, जिसे जी मीडिया नेटवर्क ने अपनी जांच में दिखाया था. भारतीय किसान यूनियन ने पूरी प्लानिंग के साथ पीएम मोदी का रास्ता रोकने के लिए लोगों को बुलाकर भीड़ जुटाई.

सुरक्षा में भारी सेंधमारी को देखते हुए जहां एक तरफ पंजाब सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय टीम जांच कर रही है, वहीं दूसरी तरफ गृह मंत्रालय द्वारा गठित जांच टीम भी फिरोजपुर पहुंच गई है. हैरानी की बात यह है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ ही मामला दर्ज किया है.

इस मामले में गृह मंत्रालय की ओर से पंजाब के 13 अधिकारियों को तलब किया गया है, जिनमें डीआईजी और एसएसपी रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं. मंत्रालय ने इस मामले में जवाब देने के लिए एसएसपी को शनिवार तक का समय दिया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पहले ही इस मामले को राजनीतिक स्टंट बताते हुए कह चुके हैं कि यह इतना बड़ा मामला नहीं है कि इसे उड़ाया जा रहा है. ऐसे में साफ है कि पंजाब की पुलिस राजनीतिक दबाव में काम कर रही है.

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