राजस्थान के बांसवाड़ा जिले पहुंचे पीएम मोदी ने मानगढ़ धाम में स्वतंत्रता सेनानी श्री गोविंद गुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की । इसके साथ ही मोदी ने बड़ा एलान करते हुए मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दिया है। मोदी 'मानगढ़ धाम की गौरव गाथा' में शामिल हुए। पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के 'अमृत महोत्सव' में हम सभी का मानगढ़ धाम आना, ये हम सभी के लिए प्रेरक और सुखद है। मानगढ़ धाम जनजातीय वीर-वीरांगनाओं के तप, त्याग, तपस्या और दे​श​भक्ति का प्रतिबिंब है। ये राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की साझी विरासत है।

लाखों आदिवासियों के नायक थे गुरु गोविंद
मोदी ने कहा कि गोविंद गुरु जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी भारत की परंपराओं और आदर्शों के प्रतिनिधि थे। वह किसी रियासत के राजा नहीं थे लेकिन वह लाखों आदिवासियों के नायक थे। अपने जीवन में उन्होंने अपना परिवार खो दिया, लेकिन हौसला कभी नहीं खोया।


मोदी ने कहा, 'गोविंद गुरु का वो चिंतन, वो बोध, आज भी उनकी धुनी के रूप में, मानगढ़ धाम में अखंड रूप से प्रकाशित हो रहा है। भगवान बिरसा मुंडा ने लाखों आदिवासियों में आजादी की ज्वाला प्रज्ज्वलित की। सम्प सभा के आदर्श, आज भी एकजुटता, प्रेम और भाईचारा की प्रेरणा दे रहे हैं। 1780 में संथाल में तिलका मांझी के नेतृत्व में दामिन संग्राम लड़ा गया। 1830-32 में बुधू भगत के नेतृत्व में देश लरका आंदोलन का गवाह बना। 1855 में आजादी की यही ज्वाला सिधु-कान्हू क्रांति के रूप में जल उठी।


आदिवासियों के लिए काम करने की जरूरत- मोदी
पीएम ने कहा कि देश में आदिवासी समाज का विस्तार और भूमिका इतनी बड़ी है कि हमें उसके लिए समर्पित भाव से काम करने की जरूरत है। राजस्थान और गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर और उड़ीसा तक विविधता से भरे आदिवासी समाज की सेवा के लिए आज देश स्पष्ट नीति के साथ काम कर रहा है।

क्या बोले अशोक गहलोत?
इससे पहले राजस्थान की सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री दुनिया के कई देश में जाते है तो बेहद सम्मान मिलता है और सम्मान क्यों मिलता है? क्योंकि मोदी जी उस देश के प्रधानमंत्री है जो गांधी का देश है, जहां लोकतंत्र की जड़े मजबूत है। उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम में जो इतिहास रचा गया है, वो देश के स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है

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