दिल्ली की बात करें तो पिछले 1 दिन से शांतिपूर्ण चल रहे प्रदर्शन ने अब हिंसात्मक रूप ले लिया है। नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में की आंड में में छुपकर दंगाई माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिनआपको पता होगा बिहार चुनाव होने में महज कुछ दिन शेष है, लेकिन उससे पहले ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा दाव चला है, जिससे वे अल्पसंख्यक वोटरों को अपने पक्ष में कर सकें। आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही नीतीश ने इस बिल का विरोध करने पर प्रशांत किशोर और उनके सहयोगी को बाहर का रास्ता दिखाया था। लेकिन अव वे खुद इस बिल को अपने राज्य में लागू नहीं करने के लिए सर्वसम्मति से विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया।

बताते चलें कि बिहार विधानसभा के अध्यक्ष जी चौधरी ने सदन में प्रस्ताव पारित किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार में एनआरसी की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा बिहार विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया है कि एनपीआर में संशोधन किया जाए क्योंकि एनपीआर 2000 की जनगणना फॉर्मेट के साथ लागू हो।

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि एनआरसी की जरूरत बिहार में नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि यह तो असम के लिए है।

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