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कांग्रेस ने शुक्रवार को भारत में वेतन असमानता की ओर इशारा करने वाली अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट को लेकर सरकार की आलोचना की और दावा किया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "पकौड़ा-नॉमिक्स" का सीधा परिणाम है, जो आम लोगों के लिए 'पकौड़े' और चुनिंदा लोगों के लिए 'हलवा' के बारे में है।

कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की हाल ही में जारी वैश्विक वेतन रिपोर्ट 2024-2025 में भारत में वेतन असमानता के बारे में कुछ चिंताजनक निष्कर्ष हैं।

रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के शीर्ष 10 प्रतिशत आय वाले लोग निचले 10 प्रतिशत आय वाले लोगों की तुलना में 6.8 गुना अधिक कमाते हैं। रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "यह पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और म्यांमार सहित हमारे पड़ोस के लगभग हर देश की तुलना में काफी अधिक असमान है।"

उन्होंने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत में सभी निम्न-मध्यम आय वाले देशों में वेतन-श्रमिकों की सबसे कम हिस्सेदारी है। रमेश ने कहा कि अधिकांश श्रमिक स्वरोजगार में लगे हुए हैं जो आम तौर पर अनौपचारिक, कम वेतन वाला और अत्यधिक अस्थिरता वाला होता है। कांग्रेस नेता ने कहा, "याद रखें कि यह गैर-जैविक पीएम द्वारा बनाए गए पकौड़ा-नॉमिक्स का प्रत्यक्ष परिणाम है। पकौड़े आम जनता के लिए, हलवा कुछ चुनिंदा लोगों के लिए!" कांग्रेस अर्थव्यवस्था को संभालने के तरीके को लेकर सरकार पर हमला कर रही है और "बढ़ती" बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और "बढ़ती आय असमानता" पर चिंता जता रही है।

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