जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान की नौसेना में 4 साल के भीतर चीन में बन रही 4 शक्तिशाली पनडुब्बियां शामिल हो जाएंगी। जबकि भारत के पास एय़र इंडिपेंडेंट प्रोपल्सन तकनीक से लैस ऐसी पनडुब्बियां नहीं हैं। एआईपी तकनीक से लैस पाकिस्तान की पनडुब्बी जैसी भारतीय नौसेना में शामिल करने की योजना की फाइलें रक्षा मंत्रालय में घूम रही हैं।

इन पनडुब्बियों को लेकर जिस गति काम चल रहा है, उससे ऐसा नहीं लगता है कि गले दशक के अंत तक भी भारतीय नौसेना को एआईपी पनडुब्बियां मिल पाएंगी। बता दें कि पाकिस्तानी नौसेना से आठ एआईपी पनडुब्बियां बनाने का आर्डर कुछ साल पहले मिला था। खबरों के मुताबिक, साल 2023 तक चाइना शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री कॉरपोरेशन 4 पनडुब्बियां पाकिस्तान को सौंप देगा। जबकि शेष 4 पनडुब्बियां 2028 तक सौंपी जाएंगी। आइए जानें, चीन से पाकिस्तान को मिलने वाली इन ताकतवर पनडुब्बियों की खासियत।

- साधारण डीजल पनडुब्बियों की तुलना में ये कई दिनों अधिक तक समुद्र के भीतर सतह पर आए बिना रह सकती हैं। ये शक्तिशाली पनडुब्बियां 28 सौ टन विस्थापन क्षमता की हैं।

- हैंगर क्लास की ये पनडुब्बियां कराची शिपयार्ड एंड इंजीनियरिंग वर्क्स द्वारा बनाई जाएंगी। इस तरह पाकिस्तान भी अपने शिपयार्ड पर पनडुब्बियां बनाने में सक्षम हो

गौरतलब है कि चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन अभी 2 दिन पहले ही पाकिस्तानी नौसेना के लिए एक युद्धपोत का निर्माण करना शुरू किया है। चीनी शिपयार्ड को ऐसे चार युद्धपोत बनाने का आर्डर मिला है। 2021 तक ये चारो युद्धपोत पाकिस्तानी नौसेना को मिल जाएंगे।

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