इंटरनेट डेस्क। नून सर्दी-गर्मी, दिन-रात, संकट-बाधाएं बिल्कुल भी नहीं देखता है वह तो इन सबको ध्वस्त करता हुआ आगे ही आगे बढ़ता जाता है। जुनून ने ही एक टीन रोड वाले छोटे से कमरे को एक विशाल दफ्तर में बदल दिया। फरवरी 2000 में लंदन की कड़ाके की सर्दी में चार लोग दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल के मुख्यालय में गंभीर बातचीत में मशगूल थे। इनमें से दो इण्डिया बुल्स के प्रमोटर समीर गहलोत और सौरभ मित्तल थे। दोनों अपनी कंपनी के इन्वेस्टमेंट बैंक में निवेश के लिए डील फाइनल करने यहां आए थे। और यह उनकी कंपनी में सबसे बड़ा इन्वेस्ट होने वाला था। स्टील किंग लक्ष्मी नारायण मित्तल के बेटे आदित्य मित्तल और कंपनी के वाइस चेयरमैन ऋषि खोसला से बातचीत अंतिम चरण में थी। समीर और आदित्य के बीच डील के लिए बातचीत की शुरूआत मुंबई में फोन पर हुई थी।

ऋषि खोसला के कहने पर समीर से बात कर मित्तल इतने प्रभावित हुए कि उनको लंदन बुलवा लिया। यहां आदित्य मित्तल ने पांच रुपए प्रति शेयर के हिसाब से एक मिलियन डालर का निवेश करने की मंजूरी दी। डील होने के बाद खोसला ने कहा था कि कंपनी ने इण्डिया बुल्स में पैसा इसलिए लगाया है क्योंकि इसके तीनों प्रमोटर युवा है। उनके पास विजन है, मिशन है और बिजनेस प्लान है। इन तीनों युवाओं के आगे बढ़ने की कहानी 1994-95 में प्रारम्भ हुई। जब आईआईटी से डिग्री लेने के बाद समीर गहलोत, सौरभ मित्तल और राजीव रतन ने नौकरी के लिए देश छोड़ दिया था। जर्मनी की शूलंबर्गर, अमेरिका की फैरालॉन कैपिटल और हैलीबर्टन जैसी बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कम्पनियों में काम करने का अनुभव लेकर कुछ वर्षांे के बाद देश लौटे। मैकेनिकल इंजिनियर समीर ने पहले फैमिली के माइनिंग बिजनेस में हाथ बंटाना शुरू किया। मन नहीं लगा तो 2000 में 26 साल की उम्र में उन्होंने गोल्ड मैड लिस्ट सौरभ मित्तल और राजीव रतन के साथ मिलकर दिल्ली की एक स्टॉक ब्रोकेरेज कम्पनी इनऑरबिट को खरीद लिया।

इसके बाद दिल्ली के हौजखास में टीन की छत वाले एक कमरे में इंडिया बुल्स की नींव रखी। दो कम्प्यूटरों के साथ रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए ऑन लाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म स्थापित किया। इसने शहरों के इन्वेस्टर्स को जबरदस्त आकर्षित किया। धीरे-धीरे कम्पनी ने देश के 75 बड़े शहरों में ऑफिस खोलने शुरू किए। 2004 के आते-आते कम्पनी ने अपना आईपीओ डंडिया बुल्स फाइनेंसियल सर्विसेज लाने का निर्णय किया। इसकी पूंजी से कंपनी ने रियल स्टेट, सिक्योरिटीज, होलसेल सर्विसेज, इन्फ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा के क्षेत्र में कदम रखा। और टीन की छत वाला कमरा विशाल दफ्तर में बदलता चला गया। केवल विशेष करने के जुनून से। आइए, आप भी ऐसे ही युवा हैं आप में भी ऐसा ही जुनून-जज्बा है फिर मात्र संकल्प लेने की देर है आपके सपने देश के सपने बन जाएंगे।

प्रेरणा बिन्दु:-

भर जुनून मन में

जहां की दास्तां बन जाएगा

देख लेना कुछ दिनों में

आसमां बन जाएगा।

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