अलगाववादी नेता गिलानी को पाकिस्तान देगा सबसे बड़ा सम्मान
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की इमरान खान सरकार सैयद अली शाह गिलानी की तरह दिखती है, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद की आवाज उठाई है। पड़ोसी देश की संसद ने सोमवार को सैयद अली शाह गिलानी को पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान की घोषणा की है। यह सम्मान पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के लिए आवाज उठाने के लिए दिया गया है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसको लेकर बहुत नाराज है।
पाकिस्तानी सांसद ने सोमवार को सैयद अली शाह गिलानी को निशान-ए-पाकिस्तान की उपाधि देने की घोषणा की है। जिसमें यह कहा गया है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में रहकर भारतीय सेना और सरकारों के खिलाफ आवाज उठाई और जम्मू-कश्मीर के आंदोलन का पक्ष लिया। यही नहीं, पाकिस्तान ने गिलानी के नाम पर इस्लामाबाद में एक विश्वविद्यालय स्थापित करने की भी बात कही है। इस्लामाबाद में बन रहे एक विश्वविद्यालय का नाम अब बदलकर सैयद अली शाह गिलानी विश्वविद्यालय कर दिया गया है।
कुछ समय पहले, सैयद अली शाह गिलानी ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने एक ऑडियो संदेश जारी करते हुए यह घोषणा की। सैयद अली शाह गिलानी ने कहा कि उन्होंने खुद को हुर्रियत से दूर कर लिया है।