ऐतिहासिक फैसला लेने के मामले में गांधी परिवार हमेशा से चर्चे में रह है, बात करे आज से 44 साल पहले आए एक ऐतिहासिक फैसले ने एक साल से आंदोलनरत विपक्ष को वह ‘ऑक्सीजन’ दे दी थी जिसे उसे तलाश थी, इसी फैसले ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को देश में आपातकाल लगाने पर मजबूर कर दिया था, जिस मुकदमे में यह फैसला आया था उसे ‘राजनारायण बनाम उत्तर प्रदेश’ नाम से जाना जाता है।

इस मुकदमे में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी को चुनावों में धांधली का दोषी पाया था. 12 जून 1975 को सख्त जज माने जाने वाले जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा ने अपने निर्णय में उनके रायबरेली से सांसद के रूप में चुनाव को अवैध करार दे दिया।

ऐसी स्थिति में इंदिरा गांधी के पास राज्यसभा में जाने का रास्ता भी नहीं बचा. अब उनके पास प्रधानमंत्री पद छोड़ने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं था. कई जानकार मानते हैं कि 25 जून, 1975 की आधी रात से आपातकाल लागू होने की जड़ में यही फैसला था।

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