दोस्तों, आपको बता दें कि परमाणु हथियारों से युक्त पनडुब्बी अरिहंत की सफलता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान दिया था कि भारतीय सेना अब जमीन, समंदर और हवा में एटमी हमले का जवाब देने में सक्षम हो चुकी है। उन्होंने कहा कि परमाणु पनडुब्बी अरिहंत भारत के दुश्मनों के लिए खुली चेतावनी है कि भारत के खिलाफ कोई दुस्साहस नहीं करे। अब आप सोच रहे होंगे कि पीएम मोदी ने यह बात क्यों कही।

इस स्टोरी में हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर एटमी ​हथियारों वाली पनडुब्बी अरिहंत की ताकत कितनी है?

परमाणु पनडब्बी अरिहंत की बदौलत भारतीय सेना जल, थल और हवा में कहीं भी परमाणु हमला करने में सक्षम हो चुकी है। मतलब साफ है अब इंडियन आर्मी किसी भी परमाणु हमले का उसी क्षण जवाब देने के लिए कटिबद्द है।

आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि आईएनएस अरिहंत में 750 किमी और 3500 किमी दूर तक मार करने वाली मिसाइलें लगी हैं। हांलाकि रूस, अमेरिका, चीन की 5000 किमी से ज्यादा क्षमता की तुलना में यह थोड़ा कम है, बावजूद इसके भारत के लिए यह पनडुब्बी बहुत अहम है।

बता दें कि भारत जमीन से परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि, आसमान से सुखोई-30 या मिराज-2000 जैसे लड़ाकू विमानों के जरिए परमाणु हमला करने में पहले से ही सक्षम था। अब जल से परमाणु हमला करने की कमी को स्वदेशी पनडुब्बी अऱिहंत ने पूरा कर दिया है। इस प्रकार अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन के बाद अब भारत भी परमाणु त्रिकोण की क्षमता हासिल कर चुका है। अब कोई भी देश परमाणु हमले की धमकी देकर भारत को ब्लैकमेल नहीं कर सकता है।

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