राजपथ नहीं, अब 'कार्तव्यपथ..' बुलाएं, एनडीएमसी का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 'राजपथ' को अब इसके नए नाम 'कार्तव्यपथ' से जाना जाएगा। एनडीएमसी ने अपनी बैठक में इस बदलाव को हरी झंडी दे दी है। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए सभी देशवासियों को बधाई दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि राजपथ का नाम बदलने का निर्णय मातृभूमि की सेवा के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
आपको बता दें कि 'राजपथ' राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक जाने वाला रास्ता है, जिसकी लंबाई 3 किलोमीटर है। हर साल गणतंत्र दिवस पर ही राजपथ पर परेड का आयोजन किया जाता है। केंद्र सरकार ने हाल ही में इसका नाम बदलकर कार्तव्यपथ करने का फैसला किया था और इसे अंतिम रूप देने के लिए नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) द्वारा आज एक बैठक बुलाई गई थी। बैठक में नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। अब इंडिया गेट पर महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन की पूरी सड़क और क्षेत्र को 'कार्तव्यपथ' के नाम से जाना जाएगा।
उस मंडप में सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित की गई है जहां किंग जॉर्ज पंचम की प्रतिमा हुआ करती थी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने हाल ही में भारतीय नौसेना के झंडे से सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटाकर वहां छत्रपति शिवाजी का निशान लगाया। इस बारे में पीएम मोदी ने कहा था कि अब तक गुलामी की पहचान भारतीय नौसेना के झंडे पर ही थी. लेकिन आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित नौसेना का नया झंडा समुद्र और आसमान में लहराएगा.