इंटरनेट डेस्क। मोदी सरकार के कार्यकाल में 4 साल बाद विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की हिम्मत दिखाई। लेकिन वोट पड़ने से पहले ही शिवसेना और बीजद ने वॉकआउट कर दिया, जिसके चलते अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। बावजूद इसके मत विभाजन की मांग पर वोटिंग हुई लिहाजा सत्ता पक्ष को 325 वोट तथा विपक्ष को 126 वोट मिले।

आपको याद दिला दें कि साल 1999 में भी एनडीए के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें वाजपेयी सरकार मात्र एक वोट से गिर गई थी। यहां तक साल 1996 में भी अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन उससे पहले ही वाजपेयी ने इस्तीफा दे दिया था।

साल 2003 में भी विपक्ष ने एक बार फिर से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन पूर्ण बहुमत वाली वाजपेयी सरकार इस बार सफल रही थी। गौरतलब है कि मोदी सरकार सहित लोकसभा में अब तक कुल 27 अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जा चुके हैं।

पिछले 18 सालों में सबसे खराब रहा बजट सत्र-2018

काम के लिहाज से पिछले 18 सालों में साल 2018 का बजट सत्र सबसे खराब रहा है। विपक्ष के हंगामें के चलते लोकसभा और राज्यसभा में 250 घंटे बिना किसी काम के बर्बाद हो गए। बजट सत्र 2018 के दौरान नीरव मोदी मुद्दा, आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग, कावेरी जल विवाद, मूर्तियां तोड़ने का मुद्दा तथा एससी/एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर दोनों सदन विपक्ष के हंगामें की भेंट चढ़ गए।

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