तेली समुदाय से हैं नरेंद्र मोदी, जानिए क्या था पेशा?
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में पीएम मोदी की जाति का जिन्न एक बार फिर से बाहर निकल आया है। 27 अप्रैल, दिन शनिवार को कन्नौज में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने बसपा मुखिया मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि वो अति पिछड़ा हैं। बता दें कि गुजरात के नरेंद्र मोदी मोढ़-घांची (तेली) समुदाय से हैं। सरकार की ओबीसी लिस्ट में इस जाति का नाम शामिल है। मोढ़-घांची यानि तेली समुदाय यूपी, राजस्थान और गुजरात के कुछ इलाकों में संकेंद्रित है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2014 तथा और 2017 के गुजरात विधान सभा चुनाव में भी नरेंद्र मोदी खुद को नीची जाति का कहकर सहानुभूति का वोट हासिल करने की सार्थक कोशिश कर चुके हैं। अब साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी एक बार फिर से यह मुद्दा गरमाया है। सामाजिक विज्ञानी अच्युत याज्ञनिक के मुताबिक मोढ़ घांची समुदाय गुजरात में ओबीसी के तहत आता है।
अच्युत याज्ञनिक ने बताया कि गुजरात के वडनगर में मोढेश्वरी देवी का एक मंदिर है। इसी शहर में नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ है। उनका परिवार पुश्तों से यहीं रह रहा था। उन्होंने कहा कि मोढेश्वरी देवी के उपासक मोढ़ बन गए। महात्मा गांधी मोढ़-बनिया थे। जो लोग तेल निकालने के परंपरागत धंधे में लगे थे वो मोढ़-घांची कहलाते थे।
20 सदी में जब तेल निकालने का काम मॉडर्न मिल्स में होने लगे तब इस समुदाय के लोग छोटे-छोटे किराने की दुकान चलाने लगे। इस वजह से वे लोग मोदी कहलाने लगे।
गौरतलब है कि हिन्दू मोढ़-घांची की तरह मुस्लिम मोढ़-घांची भी होता है। 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने पहली बार गुजरात की मोढ़-घांची को ओबीसी की लिस्ट में शामिल किया था। नरेंद्र मोदी के सीएम बनने से करीब एक महीने पहले ही 6 सितंबर, 2001 को मोढ़-घांची को ओबीसी में शामिल करने का गजेट नोटिफिकेशन जारी किया था।
विपक्ष का आरोप है कि मोढ़-घांची को सेंट्रल ओबीसी लिस्ट में शामिल कराने के पीछे नरेंद्र मोदी की सियासी आकांक्षा थी। नरेंद्र मोदी गुजरात में केशुभाई पटेल को हटाकर खुद सीएम बनना चाहते थे। उस वक्त वो दिल्ली में भाजपा के संयुक्त संगठन सचिव थे। इसके बाद वाजपेयी सरकार ने 1999-2000 के बीच इसकी मंजूरी दी थी। भाजपा ने ओबीसी वोटरों को साधने का सार्थक प्रयोग गुजरात में किया था जो सफल रहा।
शनिवार को कन्नौज में नरेंद्र मोदी ने कहा था कि “मायावती जी मैं सबसे पिछड़ा हूं… मैं हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि मुझे जाति की राजनीति में न घसीटें। 130 करोड़ लोग मेरे परिवार हैं। मैं मायावतीजी, अखिलेशजी, कांग्रेस के लोगों और महामिलावटियों का शुक्रगुजार हूं कि वे मेरी जाति पर चर्चा कर रहे हैं… मेरा मानना है कि मैंने एक पिछड़ी जाति में जन्म लेकर देश की सेवा करने का अवसर पाया है।