दोस्तों, आपको याद दिला दें कि लोकसभा चुनाव 2014 में नरेंद्र मोदी ने खुद को चायवाला बताया था। पीएम मोदी के मुताबिक, वह गुजरात के वडोदरा रेलवे स्टेशन पर और ट्रेनों में चाय बेचते थे। लोकसभा चुनाव- 2014 में नमो चाय भी खूब पॉपुलर हुई थी।

बता दें कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव-2019 नजदीक आ रहा है, एक बार फिर से पीएम मोदी का चायवाला होने की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। अभी हाल में ही मध्य प्रदेश की एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कांग्रेस को अभी तक हैरानी है कि एक चायवाला पीएम कैसे बन गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस बात की पीड़ा हो रही है कि उनकी चार पीढ़ियों ने जो जमा किया था, वह पैसा अब केवल कुछ परिवारों के लिए नहीं बल्कि जनता के विकास में खर्च किया जा रहा है।

आइए हम बात करते हैं पीएम मोदी के चाय बेचने को लेकर सामाजिक कार्यकर्त्ता तहसीन पूनावाला की ओर से आरटीआई से पूछे गए सवाल के बारे में। उन्होंने आरटीआई से पूछा था कि क्या रेलवे विभाग के पास ऐसा कोई रिकॉर्ड, रजिस्ट्रेशन नंबर या नरेंद्र मोदी को स्टेशन या ट्रेन में चाय बेचने के लिए निर्गत आधिकारिक पास उपलब्ध है ? जिससे पता चल सके कि नरेंद्र मोदी ने चाय बेची थी।

आरटीआई के जवाब में रेल मंत्रालय ने कहा था कि रेलवे बोर्ड के पर्यटन और खान-पान निदेशालय की टीजी ब्रांच में ऐसी किसी तरह की जानकारी उपलब्ध नहीं है। गौरतलब है कि सार्वजनिक मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह बात कई बार कह चुके हैं कि उन्होंने बचपन में चाय बेची, इसके बाद आरएसएस से जुड़ गए।

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