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इन दिनों केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों का मामला चर्चा में बना हुआ है। यहां तक की इस मामले पर कांग्रेस केंद्र सरकार को भी घेरने की कोशिश कर रही है। वहीं अब छुट्टी पर भेजे गए CBI के डायरेक्टर आलोक वर्मा की याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव केवल रूटीन के काम निपटाएंगे और कोई नीतिगत फैसला नहीं लेंगे। मलतब वो सिर्फ नाम के निदेशक बनकर रह गए है। सुप्रीम कोर्ट ने राव की तरफ से लिए गए फैसलों की लिस्ट भी बंद लिफाफे में मांगी है। वहीं अब इस मामले पर अगली सुनवाई 12 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट करेगी।

इससे पहले मंगलवार (23 अक्टूबर) को नागेश्वर राव की नियुक्ति के साथ ही CBI के नंबर 1 और नंबर 2 को छुट्टी पर भेजा जा चुका था। उन्होंने आते ही धड़ाधड़ एक के बाद एक 13 सीबीआई अफसरों को हटा दिया। इसके बाद जब मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो सरकार ने कहा, नागेश्वर राव तब तक अंतरिम निदेशक पद पर रहेंगे, जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती। लेकिन अब कोर्ट ने नीतिगत फैसला लेने पर पाबन्दी लगा दी है।

वहीं जानकारी में बता दें, आलोक वर्मा अभी भी CBI डायरेक्टर हैं और राकेश अस्थाना स्पेशल डायरेक्टर पद पर बने हुए है। नागेश्वर राव तब तक अस्थायी डायरेक्टर बने रहेंगे जब तक इस मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती।

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