इंटरनेट डेस्क। इंडियन आर्मी की यूनिट राजपूताना राइफल्स अपनी शूरवीरता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है।

जी हां, राजपूताना राइफल्स का आदर्श वाक्य वीर भोग्या वसुंधरा है। राजपूताना राइफल्स के जवान युद्ध के समय राजा रामचन्द्र की जय का उदघोष करते हैं। यह जयनाद सुनते ही दुश्मनों की सेना भयभीत हो उठती है। मध्यकाल में राजपूतों के हथियार कटार और बिगुल इस आर्मी यूनिट का प्रतीक चिन्ह है।

राजपूताना राइफल्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस आर्मी यूनिट ने पाकिस्तान के साथ हुए 4 युद्धों में हर बार विजयश्री हासिल की। यहां तक अपने दुश्मनों को रणक्षेत्र से पीछे भागने को मजबूर कर दिया।

राजपूताना राइफल्स में पहले केवल राजपूत ही भर्ती होते थे, लेकिन अब इस यूनिट में अहीर, मुसलिम, जाट तथा गुर्जर भी भर्ती होते हैं।

राजपूताना राइफल्स इंडियन आर्मी की कुल 7 यूनिट्स में से पहली ऐसी यूनिट है, जिसे साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध के दौरान विशेष बहादुरी के लिए सम्मान पत्र से पुरस्कृत किया गया।

इंडियन आर्मी की सभी मैडल राजपूताना राइफल्स प्राप्त कर चुकी है। जिनमें परमवीर चक्र से लेकर अर्जुन पुरस्कार तक शामिल है। राजपूताना राइफल्स ने सर्वाधिक 401 अवॉर्ड हासिल किए हैं, जो क्रमश: इस प्रकार हैं।

परमवीर चक्र-1

अशोक चक्र -2

पद्मभूषण-1

परम विशिष्ट सेवा मेडल- 11

महावीर चक्र -10

कीर्ति चक्र -8

अति विशिष्ट सेवा मेडल -11

उत्तम सेवा मेडल -1

वीर चक्र-41

शौर्य चक्र -25

सेना मेडल -112

विशिष्ट सेवा मेडल-36

युद्ध सेवा मेडल -2

अर्जुन पुरस्कार-55

अन्य पुरस्कार -85

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