कोविड-19 की तीसरी लहर के खतरे के बीच में मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई है और मानसून सत्र इस बार पूरी तरह से विरोध एवं कार्रवाई स्थगित की भेंट चढ़ता हुआ नजर आ रहा है। वहीं विपक्ष के विरोध में कोई कमी देखी नहीं जा रही है तो दूसरी ओर सरकार इसका फायदा उठाकर लगातार एक के बाद एक विधेयकों को पास कराने में लगी हुई है। का बुधवार को भी यही नजारा नजर आया कि मात्र 45 मिनट के अंदर ही राज्यसभा के अंदर तीन विधेयकों को पारित कर दिया गया।

राज्यसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया था उसके बाद 2:00 बजे जब दोपहर में सदन की बैठक हुई तो सीमित दायरे के अंदर ही संशोधन 2001 में राज्यसभा ने 24 मिनट में पारित कर दिया जिसके बाद बीमा ऋण गारंटी संशोधन 2021 को 16 मिनट और दोपहर में 2:40 पर भारतीय हवाई अड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण पर विधेयक को पेश किया गया और 2:56 पर ही विधेयक को पारित करने के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया।

जिस तरह से सदन की कार्यवाही हुई इसे लेकर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं। भाई इसके बाद आपको बता दें कि जब दोपहर को बैठक वापस 3:12 पर हुई तो विधेयक को पारित किया गया विधेयक को पारित करने के बाद सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था।


आज भी सदन में पूरे दिन विपक्ष के द्वारा नारेबाजी जारी रही जिसके चलते कार्यवाही नहीं हो सकी और दोपहर में सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था। वहीं विपक्ष का आरोप है कि सरकार संसद की प्रक्रिया को बदनाम करने का काम कर रही है। वही निर्मला सीतारमण ने विधायकों के जवाब देते हुए विपक्ष को लगातार खिंचाई कर उन पर कई आरोप लगाए।

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