इंटरनेट डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरकार राफेल डील कर ली। जब से इस डील के बारे में खुलासा हुआ है तब से यूपीए सरकार बौखला गई है। मोदी सरकार की यह डील किसी सफलता से काम नहीं है। yhi नहीं मोदी सरकार ने यह डील यूपीए से सस्ती की है। मतलब हर विमान पर बचे 59 करोड़ रुपए।

मिली जानकारी के अनुसार, मोदी सरकार ने इस विशेष लड़ाकू विमान की डील में देश का पैसा बचाया है और कांग्रेस सरकार की तुलना में हर विमान का सौदा 59 करोड़ रुपये सस्ता किया गया है। इन दस्तावेजों के अनुसार, मोदी सरकार ने 36 विमानों का जो सौदा 59000 हजार करोड़ रुपये में किया है, उसी तरह की डील अगर यूपीए सरकार के दौरान होती तो उसकी कीमत 1.69 लाख करोड़ रुपये होती। इस हिसाब से मोदी सरकार ने एक विमान का सौदा 1646 करोड़ रुपये में किया, जबकि यूपीए में यह कीमत 1705 करोड़ रुपये थी।

लेकिन कांग्रेस लगातार डील की रकम को सार्वजनिक करने की मांग पर अड़ी हुई है। जबकि भाजपा दोनों देशों के बीच हुए सुरक्षा समझौते की गोपनीयता का हवाला दे रही है।

कांग्रेस का घोटाले का आरोप

कांग्रेस राफेल डील को लेकर लंबे समय से मोदी सरकार के खिलाफ बोल रही है। सड़क से लेकर संसद तक और प्रेस कॉन्फ्रेंस से लेकर सोशल मीडिया तक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके नेता मोदी सरकार पर राफेल डील में घोटाले का आरोप लगाते रहे हैं। कांग्रेस का दावा है कि यूपीए सरकार ने जिस विमान की डील की थी, उसी विमान को मोदी सरकार तीन गुना कीमत में खरीद रही है।

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