केंद्र की मोदी सरकार ने राज्य के बजट यानी ऑफ बजट द्वारा लिए गए कर्ज को लेकर अब नियमों में एक बड़ी ढील देने का निर्णय लिया है। आपको बता दें कि पिछले लंबे समय से इस को लेकर लगातार राज्य एवं राज्यों की सरकार द्वारा मांग की जा रही थी जिस पर कार्य करते हुए अब मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए इन लोन के एडजस्टमेंट नियमों में बदलाव करने की बात को मानते हुए एक बड़ा ऐलान किया है।



इस मामले को लेकर मिल रही जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष की प्रकार की दिन तारीख को अगले 4 साल यानी मार्च 2026 तक की कर्ज सीमा में समायोजित कर लिया जाएगा। आपको बता दें कि पिछले लंबे समय से देश की अर्थव्यवस्था बहुत मुश्किल में चल रही है। इसके अलावा पिछले 2 साल से कोविड-19 के चलते देश की अर्थव्यवस्था में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है जिसका असर राज्यों पर सीधा सीधा पड़ा है।



वही इसके अलावा पिछले कुछ समय से राज्य लगातार यह भी मांग कर रहे हैं कि जीएसटी से होने वाले नुकसान जिसकी भरपाई का वादा सरकार ने 5 साल तक किया था अब जब वह 5 साल पूरे हो चुके हैं तो उस कार्यकाल को बढ़ा दिया जाए। आपको बता दें कि कोविड-19 के चलते राज्य एवं देश की सरकार के आर्थिक ढांचे में बहुत बड़ा नुकसान देखने को मिला है। आपको बता दें कि राज्य इस समय बेहद ही कर्ज में डूबे हुए हैं और उनकी हालत बहुत ही खस्ता नजर आ रही है।

अब इस सरकार के बड़े निर्णय को लेकर राज्यों की क्या प्रतिक्रिया रहती है और क्या सच में राज्यों को इसका फायदा मिल पाता है या नहीं यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा।

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