वरुण गांधी ने इस मंदिर में जिस पेज पर लिखा था मैसेज, उसी पेज पर राहुल ने भी लिखी यह बात
एक ही सकारात्मक पहलू पर दो पक्षों का सहमत होना कितनी अच्छी बात है। ठीक इसी तरह से वरुण गांधी और राहुल गांधी एक ही पेज के जरिए कुछ अच्छा संदेश दे गए, वो भी लिखित रूप में। आइए जानें, वो कैसे?
घरों में बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि इम्तिहान में जो नहीं खाता, बाद में वो भी घी खाने लगता है। मेरे कहने का मतलब यह है कि परीक्षा की घड़ी में नास्तिक आदमी भी आस्तिक हो जाता है। अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आस्तिक हैं या नास्तिक, यह बात तो वहीं जानें। लेकिन आजकल वह मंदिरों के दर्शन जमकर कर रहे हैं।
यह बात उन दिनों की है, जब राहुल गांधी अयोध्या के हनुमानगढ़ी गए थे। बात दर्शन की नहीं है, भगवान के दर्शन करना तो पुण्य का काम है। ऐसे में राहुल जी ने तो अयोध्या जैसी नगरी में मत्था टिकाया था, वह भी हनुमान जी के सामने। हनुमानगढ़ी दर्शन करने के बाद राहुल गांधी मिर्जापुर में मौजूद मां विंध्यवासिनी मंदिर चले गए थे। उनकी योजना थी कि मिर्जापुर भदोही से होते हुए अपने पुश्तैनी घर इलाहाबाद जाएंगे। खैर इन सब बातों में फंसने की जरूरत नहीं है, अब हम बात करते हैं राहुल गांधी और वरुण गांधी की जिन्होंने एक ही पेज पर कुछ मैसेज लिखे थे।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि राहुल गांधी ने मां विन्ध्यवासिनी मंदिर के उसी पन्ने पर मैसेज लिखा, जिस पर वरुण गांधी ने भी मैसेज लिखा था। हां, यह अलग बात है कि वरुण गांधी ने ये मैसेज 22 नवंबर 2010 को लिखा था और राहुल गांधी ने 14 सितंबर 2016 को।
राहुल गांधी ने लिखा कि हम यहां आए, हमें बहुत अच्छा लगा। सम्मानित महसूस किए। फिर आना चाहेंगे, जय मां। इसके बाद नीचे हस्ताक्षर कर गए। जी हां, मां विन्ध्यवासिनी के ही सहारे कम से कम राहुल और वरुण गांधी एक तो हुए।
गौरतलब है कि जिस दिन राहुल गांधी ने मां विन्ध्यवासिनी मंदिर में अंग्रेजी भाषा में यह संदेश लिखा था, उस दिन हिंदी दिवस था। जनाब, अब फेसबुक यूजर्स को कौन मना करे, उन्होंने शेयर किया था- हिंदी दिवस पर आंग्लभाषा में कुछ लिखा बहुत खटक रहा है।