लखनऊ में शुक्रवार को हुई जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. बैठक के बाद सरकार ने कई महंगी जीवन रक्षक दवाओं को जीएसटी फ्री करने की घोषणा की. वहीं पेट्रोल-डीजल को जीएसटी फ्री करने के मुद्दे पर बैठक में सहमति नहीं बन पाई. जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस वार्ता करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा

कि रक्षक महंगी दवाओं को जीएसटी फ्री करने का फैसला लिया गया है. कोरोना के इलाज से जुड़ी रेमदिसवीर पर जीएसटी घटाकर 5 फीसदी किया गया है. उसे यह छूट इस साल 31 दिसंबर तक मिलती रहेगी. कैंसर के इलाज से जुड़ी कई दवाओं पर भी जीएसटी12 से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि जीएसटी काँसिल ने माल ढुलाई वाहनों के परिचालन के लिये राज्यों की ओर से वसूले जा रहे नेशनल परमिट शुल्क से छूट दी है.डीजल में मिलाए जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है. दिव्यांगों की ओर से यूज की जाने वाली किट पर जीएसटी घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. पेन और उसके हिस्सों पर 18 प्रतिशत जीएसटी चार्ज करने का फैसला लिया गया है. रिन्युएबल एनर्जी में इस्तेमाल होने वाली डिवाइस पर 12 प्रतिशत जीएसटी दर तय की गई है.

सीतारमण ने कहा कि जीएसटी ने फिलहाल पेट्रोल और डीजल को फिलहाल जीएसटी के दायरे में नहीं लाने का फैसला लिया है. काउंसिल का मानना है कि यह समय पेट्रोलियम पदार्थों को माल और सेवा कर के दायरे में लाने का नहीं है. उन्होंने बताया कि अब स्विगी और जोमैटो जैसी फूड डिलीवरी कंपनियों को जीएसटी देना होगा. यह टैक्स ऑर्डर मंगाने वाले ग्राहक से वसूलकर कंपनी जमा करेगी.उन्होंने बताया कि काउंसिल ने जूता-चप्पल और कपड़ों पर एक जनवरी, 2022 से उल्टा शुल्क ढांचे (कच्चे माल पर कम और तैयार माल पर अधिक शुल्क) को ठीक करने को लेकर सहमति जताई है.

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