इंटरनेट डेस्क। राजनीति के खेल में मनुवाद और संघ के नाम पर बीजेपी का विरोध करने वाली मायावती साल 2002 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थान माधव सेवा आश्रम को 10 लाख रूपए दान भी दे चुकी हैं। उस मौके पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, गर्वनर विष्णुशास्त्री के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती भी मौजूद थी। इस कार्यक्रम में वाजपेयीजी ने इस माधव सेवा आश्रम का लोकार्पण किया था।

संघ से जुड़े वीरेंद्र कुमार के अनुसार, इस लोकार्पण समारोह में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने 10 लाख रूपए दान देने की घोषणा की थी, इसके अगले दिन शाम को चैक भी भिजवा दिए थे। 28 जून, 2002 के पत्र में मुख्यमंत्री के उप सचिव सुधीर सिंह चौहान ने लिखा था कि मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के विवेकाधीन से माधव सेवा आश्रम के विकास के लिए दस लाख रूपए का अनुदान किया गया है। पत्र के साथ धनराशि का चैक संलग्न है, कृपया धनराशि की प्राप्ति स्वीकार करें।

इस बार में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यदेव त्रिपाठी कहना है कि मायावती बीजेपी की मदद से तीन बार यूपी की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं। ऐसे में यदि माधव सेवा आश्रम के लिए 10 लाख रूपए का दान देना उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। सत्ता के लालच में वह कुछ भी कर सकती हैं।

गौरतलब है कि इस मुद्दे के बारे में कुछ बसपा नेताओं का कहना है कि बहनजी ने दलगत राजनीति से उपर उठकर वह काम किया। जबकि साल 2016 में बसपा के प्रदेशाध्यक्ष रामअचल राजभर ने यह बयान दिया था कि कुछ लोग चुनाव से ठीक पहले ऐसी खबरे फैलाते हैं। इस बारे में मुझे कुछ भी जानकारी नहीं है, ऐसे में इस मुद्दे पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना हूं।

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