आपको जानकारी के लिए बता दें कि शुक्रवार के दिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव दिल्ली के त्यागराज मार्ग पर स्थित बसपा सुप्रीमो मायावती के घर दो घंटे से भी ज्यादा समय तक रहे। इस दौरान मायावती और अखिलेश के बीच लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर दोनों के बीच यूपी की सीटों के बंटवारे से संबंधित बातचीत हुई।

बैठक के दौरान सपा-बसपा सुप्रीमो ने ना केवल गठबंधन पर पक्की मुहर लगाई बल्कि सीटों की संख्‍या को भी मंजूरी दे दी। बता दें कि यूपी में कभी एक दूसरे के राजनीतिक विरोधी रही इन दोनों पार्टियों के बीच 37-37 सीटों पर सहमति बन गई है। लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी 37-37 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे। कि चौधरी अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोकदल के लिए 2 सीटें तथा कांग्रेस के लिए अमेठी व रायबरेली की सीटें छोड़ी जाएंगी।

सपा-बसपा के बीच तैयार हुआ गठबंधन का फार्मूला
यूपी में समाजवादी पार्टी और बसपा के बीच हुए गठबंधन में राष्ट्रीय लोक दाल को भी जगह दी गई है। यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर सपा-बसपा ने करीब आधी-आधी सीटों पर लड़ने का निर्णय लिया है।

बता दें कि 37-37 सीटें बसपा-सपा के खाते में तथा 2-2 सीटें अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल तथा कांग्रेस के लिए छोड़ी जाएंगी। कांग्रेस ने जिस प्रकार से राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में सपा-बसपा को नजरअंदाज किया, उसका खामियाजा इस पार्टी को यूपी में भी भुगतना पड़ा सकता है।

कांग्रेस को मिली सिर्फ अमेठी और रायबरेली की सीट
सूत्रों के मुताबिक, सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस के लिए केवल अमेठी और रायबरेली की सीटें छोड़ी गई हैं। शेष दो सीटें किसी अन्य दल के लिए रिजर्व की जा सकती हैं। बताया जा रहा है कि ओमप्रकाश राजभर जिस तरह से इन दिनों बीजेपी के खिलाफ बगावती सुर अपनाए हुए हैं, उसके अनुसार राजनीतिक पंडितों का मानना है कि राजभर भी इस गठबंधन में आ सकते हैं। ऐसी स्थिति में शेष 2 सीटों पर राजभर के साथ समझौता किया जा सकता है।

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