यह बात सौ फीसदी सही है कि जब तक यह दुनिया रहेगी, तब तक युद्ध होते ही रहेंगे। बता दें कि युद्ध लड़ने के लिए शक्तिशाली, कुशल, तेज़ दिमाग और बहादुर योद्धा की जरूर होती है। दुनिया की विभिन्न सभ्यताओं में शुरू से ही कुछ बहादुर योद्धा हुए हैं। इस स्टोरी में हम आपको प्राचीन काल से लेकर अब तक के बहादुर और खतरनाक योद्धाओं के बारे में बताने जा रहे हैं।

स्पार्टन
स्पार्टा के नाम से आखिर कौन वाकिफ नहीं है। स्पार्टन ग्रीक योद्धा होते थे, जिन्हें 7 साल की उम्र से ही योद्धा बनाने की ट्रेनिंग दी जाती थी।

ग्लैडिएटर
प्राचीन रोम में सबसे बहादुर और शक्तिशाली योद्धाओं के नाम होते थे ग्लैडिएटर। हजारों दर्शकों की भीड़ के सामने ग्लैडिएटर अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन करते थे। बताया जाता है कि बहुत कम ग्लैडिएटर ऐसे होते थे, जब 30 साल की उम्र से ज्यादा जीते थे।

समुराई
दुनिया में सबसे उच्च कोटि के तलवारबाज़ जापानी योद्धा को समुराई कहा जाता था। समुराई अपने पास एक विशेष किस्म की तलवार रखता था। एक समुराई के लिए उसका आत्मसम्मान ही सब कुछ होता था।

निन्जा
जापानी योद्धा निन्जा सबसे तेज़ और सबसे शातिर शिकारी जैसे होते हैं। इनका इस्तेमाल दुश्मन को चुपके से खत्म करने के लिए हत्यारों के रूप में किया जाता था। शारीरिक युद्ध लड़ने के अलावा यह खतरनाक हथियार चलाने में भी माहिर होते थे।

सिख
गुरु गोविन्दसिंह ने खालसा की स्थापना कर सिखों को लड़ाकू योद्धा बनाया। सिक्खों ने मुगलों के साथ कई लड़ाइयां जीतीं। आज भी सिक्ख सैनिक हमारे देश के सबसे बहादुर योद्धा माने जाते हैं।

मराठा
दुनिया के सबसे तेज़ तर्रार योद्धाओं में से एक होते हैं मराठा योद्धा। ये शारीरिक बल के साथ-साथ बहुत तीव्र बुद्धि वाले भी थे। यह अपने हमलों की भनक दुश्मन को तनिक भी नहीं लगने देते थे।

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