पश्चिम बंगाल के मंत्री अखिल गिरी ने देश की राष्ट्रपति पर विवादित टिप्पणी वाले बयान पर माफी मांग ली है। नंदग्राम में एक सभा के दौरान राष्ट्रपति के रंग रूप को लेकर उन्होंने शर्मनाक टिप्पणी की थी। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने बयान पर माफी मांग ली।

अखिल गिरी ने अपनी सफाई में कहा कि मेरा इरादा माननीय राष्ट्रपति का अपमान करने का नहीं था। भाजपा नेताओं ने मुझ पर जो जुबानी हमला किया, मैं उसका जवाब दे रहा था। मैं इस तरह की टिप्पणी करने के लिए क्षमा चाहता हूं। मेरे देश के राष्ट्रपति के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है। मैंने राष्ट्रपति कहा था। मैंने किसी का नाम नहीं लिया। अगर भारत की राष्ट्रपति अपमानित महसूस करती हैं, तो मैंने जो कहा उसके लिए मुझे खेद है। बता दें कि अखिल गिरी की पार्टी टीएमसी ने भी उनके बयान पर आपत्ति जताई है। टीएमसी ने बयान को गैरजिम्मेदाराना बताया है।

अखिल गिरी के इस बयान पर विवाद
दरअसल, नंदीग्राम में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था 'वह (सुवेंदु अधिकारी) कहते हैं कि मैं सुंदर नहीं हूं। आप कितने सुंदर हैं। हम किसी को उनकी शक्ल से नहीं आंकते हैं, हम राष्ट्रपति के कार्यालय का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारा राष्ट्रपति कैसा दिखता है?'


भाजपा का टीएमसी पर हमला
अखिल गिरी की टिप्पणी को लेकर भाजपा ने टीएमसी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथ लिया। भाजपा ने टीएमसी और ममता बनर्जी को आदिवासी विरोधी बताया है। बंगाल भाजपा ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आदिवासी समुदाय से हैं। टीएमसी के मंत्री अखिल गिरि ने अन्य मंत्री शशि पांजा की मौजूदगी में राष्ट्रपति के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की है। ममता बनर्जी और टीएमसी आदिवासी विरोधी हैं।

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