इंटरनेट डेस्क। पश्चिम बंगाल की जनता के बीच ममता बनर्जी ग़रीबों की मसीहा, दबंग नेता, दयालु या फिर तीखे तेवर वाली एक महिला के रूप में जानी पहचानी जाती हैं। टेलीविजन पत्रकार विश्व मजूमदार के अनुसार, लोक सभा चुनाव के लिए 1984 में जाधवपुर से राजीव गांधी ने ममता बनर्जी को टिकट दिया था।

ममता बनर्जी के घर में आज भी राजीव गाँधी की तस्वीर लगी हुई है। कांग्रेस पार्टी से 1984 में 29 साल की उम्र में ममता बनर्जी ने जाधवपुर लोकसभा क्षेत्र से अपने अनुभवी प्रतिद्वंदी सोमनाथ चटर्जी को करारी शिकस्त दी थी।

दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि ममता बनर्जी 1976-1980 तक पश्चिम बंगाल में राज्य महिला कांग्रेस की महासचिव बनी रहीं। इसके बाद वह अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के महासचिव पद पर भी विराजमान रहीं।

वर्ष 1991 में गठित नरसिम्हाराव सरकार में ममता बनर्जी को मानव संसाधन, युवा कल्याण—खेलकूद और महिला-बाल विकास विभाग का प्रभार दिया गया। लेकिन इसी सरकार में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कहना था कि उन्हें स्वच्छ कांग्रेस चाहिए।

वर्ष 1996 में पेट्रोल की कीमत बढ़ाए जाने को लेकर उन्होंने केंद्रीय मंत्री के रूप में अपनी सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी का जमकर विरोध किया। बढ़ते राजनीतिक मतभेद और विद्रोही तेवर के चलते उन्होंने 1997 में कांग्रेस से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की। बावजूद इसके वह कांग्रेस के साथ सत्ता में भागीदारी करते हुए वह दो बार केंद्रीय रेल मंत्री भी रह चुकी हैं।

Related News