पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को ऐलान किया कि राज्य ने केंद्र की आयुष्मान भारत योजना से बाहर आने का फैसला किया है। और नरेंद्र मोदी नीत राजग सरकार पर स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम के तहत ‘बड़े-बड़े दावे’ करने का आरोप लगाया।

बात ये है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल अगस्त में महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत या राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना का शुभारंभ किया था। इसका लक्ष्य प्रति परिवार का पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कराकर 10 करोड़ से ज्यादा गरीब और वंचित परिवारों को (करीब 50 करोड़ लाभार्थी को) इस योजना के दायरे में लाना है। इस योजना के तहत 60 प्रतिशत खर्च केंद्र और 40 फीसदी व्यय राज्य वहन करता है।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने प्रत्येक घर में योजना के बारे में बताने के लिए पत्र भेजा है। और इन पत्रों को भेजने के लिए डाक कार्यालयों का ‘इस्तेमाल’ कर रही है। ममता जी का केहना है कि 40 प्रतिशत का खर्च मै क्यों वहन करूं? राजग सरकार को पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। आयुष्मान योजना के लिए केंद्र और राज्य के हिस्से का अनुपात 60:40 तय किया गया है। आपके जेकरि के लिए बता दें कि ओडिशा, दिल्ली, केरल और पंजाब चार और ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने आयुष्मान योजना को नहीं अपनाया है।

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