बता दें कि सीएसडीएस-लोकनीति के ताजा सर्वे के मुताबिक, वोट प्रतिशत बढ़ने के बावजूद भी बीजेपी को राज्यों में क्षेत्रीय दलों के आपसी गठबंधन से नुकसान होगा। साल 2014 की तुलना में इस बार भाजपा को कम सीटें मिलेंगी।
साल 2014 के 283 सीटों के मुकाबले भाजपा को इस बार 222 से 232 सीटें मिलने का अनुमान है। जबकि पिछली बार की 44 सीटों के मुकाबले कांग्रेस को 74-84 सीटें मिलती दिख रही हैं।
हांलाकि सर्वे में यह भी कहा गया है कि एनडीए को बहुमत मिल भी सकता है और नहीं भी। संभव है, इस बार एनडीए 263 से 283 सीटें जीत ले। जबकि यूपीए को 115-135 सीटें मिलने के आसार हैं।

सी-वोटर और आईएएनएस द्वारा मार्च में किए गए सर्वे के मुताबिक, एनडीए को 264 सीटें मिल रही हैं। यानि बहुमत के आंकड़े से अभी 8 सीटें दूर। इस सर्वे के मुताबिक, यूपीए को 141 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।
अब सवाल यह उठता है कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए को बहुमत नहीं मिलता है, तो सरकार कैसे बनेगी। बता दें कि किसी भी सियासी पार्टी के पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में क्षेत्रीय पार्टियां किंगमेकर की भूमिका होंगी।

त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति में सपा-बसपा गठबंधन, जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस, ओडिशा में नवीन पटनायक की पार्टी बीजद और तेलंगाना में के.चंद्रशेखर राव अहम भूमिका में होंगे। ध्यान देने वाली बात यह है कि इन सभी क्षेत्रीय दलों ने भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए से दूरी बना रखी है।

भाजपा-कांग्रेस के विरूद्ध क्षेत्रीय दलों के कड़े तेवर


पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी चुनाव पहले से ही भाजपा और कांग्रेस पर लगातार निशाना साध रही हैं। बता दें कि ममता बनर्जी और चंद्रबाबू नायडू लगातार बीजेपी के खिलाफ नया मोर्चा तैयार करने में जुटे हुए हैं।
यूपी में सपा-बसपा गठबंधन भी भाजपा पर सियासी हमले करने में तनिक भी पीछे नहीं है। इस गठबंधन का कांग्रेस के खिलाफ भी हमले जारी हैं।

लोकसभा की 543 में 180 सीटों पर क्षेत्रीय दलों की अहम भूमिका


आपको जानकारी के लिए बता दें कि देश की 543 लोकसभा सीटों में से 180 लोकसभा सीटों पर क्षेत्रीय दलों का खासा प्रभाव है। अब ये क्षेत्रीय दल लोकसभा चुनाव 2019 में कितनी सीटें जीतते हैं, इसी आधार पर इनकी भूमिका तय होगी।

राज्य की कुल सीटें और मुख्य क्षेत्रीय दल

उत्तर प्रदेश - 80 सपा-बसपा
पश्चिम बंगाल- 42 तृणमूल
आंध्र प्रदेश- 25 तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस
ओडिशा- 21 बीजद
तेलंगाना- 17 टीआरएस, तेदेपा

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