मीडिया खबरों के मुताबिक, प्रियंका गांधी ने चुनाव लड़ने के लिए हामी भर दी है। लेकिन आखिरी फैसला उनके भाई राहुल गांधी व प्रियंका की मां सोनिया गांधी को लेना है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं। कांग्रेस महासचिव बनने के बाद से प्रियंका गांधी राजनीति में काफी सक्रिय हैं और पार्टी के लिए यूपी के विभिन्न इलाकों में प्रचार कर रही हैं। पिछले दिनों पार्टी कार्यकर्ता के सवाल पर उन्होंने वाराणसी से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात भी कही थी।

सपा, बसपा और रालोद ने महागठबंधन करके कांग्रेस के लिए यूपी में सिर्फ दो सीटें छोड़ीं। ऐसे में कांग्रेस ने पत्ता खोल दिया, जिससे वो अपना तुरुप का इक्का बताती रही। बता दें कि प्रियंका गांधी की सियासत में एंट्री हो चुकी है। पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभार मिलने के बाद प्रियंका गांधी की प्रयाग से बनारस तक बोट यात्रा, बनारस में बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन, शहीदों के परिजनों से मुलाकात और रोड शो से यह कयास लगे कि क्या प्रियंका लोकसभा चुनाव लड़ेंगीं? पार्टी सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी स्वयं प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बनारस से चुनाव लड़ने पर गंभीरता से विचार कर रही हैं।आपको बता दें कि साल 2014 में पूरे देश में मोदी लहर थी। लिहाजा नरेंद्र मोदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अरविंद केजरीवाल से 3,71,784 वोटों के अंतर से जीते थे। जहां नरेंद्र मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले थे, वहीं अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 मत मिले। कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय 75,614 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। जबकि बसपा प्रत्याशी विजय प्रकाश जायसवाल चौथे स्थान पर रहे। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कैलाश चौरसिया 45,291 मतों के साथ पांचवें स्थान पर रहे।

प्रियंका गांधी के करीबियों का कहना है कि इस बार मोदी लहर नहीं है। इसलिए यदि पीएम मोदी के खिलाफ प्रियंका गांधी जैसा मजबूत उम्मीदवार चुनाव मैदान में हो तो बनारस फतह हो सकता है। लेकिन इसके लिए सपा, बसपा को भी प्रियंका गांधी के पक्ष में आना होगा, जो काफी हद तक संभव है। अभी कुछ ही दिनों पहले जब बन्द कमरे में रायबरेली के कार्यकर्ताओं ने उनसे किसी भी सीट से चुनाव लड़ने की मांग की तो प्रियंका गांधी ने मुस्कुराते हुए कहा कि बनारस से लड़ जाऊं क्या?
प्रियंका गांधी अपने अंतिम फैसले से पहले विपक्षी दलों का रुख और राहुल-सोनिया समेत पार्टी के बड़े नेताओं से अंतिम चर्चा भी कर रही हैं। खैर जो भी हो, यदि प्रियंका ने बनारस से उम्मीदवारी जता दी तो 2019 में पूरा देश बनारस में एक ऐसा चुनाव देखेगा, जिसका नतीजा कुछ भी हो लेकिन यह इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा।

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