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भारतीय जनता पार्टी की नेतृत्व वाली एनडीए को लोकसभा चुनाव-2019 में धूल चटाने की फिराक में लगी कांग्रेस पार्टी को अभी हाल में ही एक बड़ा झटका लगा है। जी हां, दोस्तों इसी साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ने की घोषणा की है।

कांग्रेस के विरूद्ध मायावती के इस तेवर से राजनीतिक पंडित अब यह अनुमान लगा रहे हैं कि इन तीन राज्यों में कांग्रेस उम्मीदें तो नाकाम हो ही गईं, ऐसा लग रहा है लोकसभा चुनाव-2019 में भी कांग्रेस के साथ बसपा के गठबंधन की स्थिति बनती नहीं नजर आ रही है।

हांलाकि मायावती ने लोकसभा चुनाव-2019 के लिए कांग्रेस के साथ महागठबंधन के दरवाजे को खोले रखा है, लेकिन सच्चाई यह है कि इन तीन राज्यों में कांग्रेस के हारते ही उसके लिए मिशन-2019 में बेहतरीन प्रदर्शन करना एक बड़ी चुनौती बन जाएगी।

लोकसभा चुनाव-2019 में होने वाले महागठबंधन को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तेवर भी कुछ ठीक नहीं दिख रहे हैं। ममता पहले ही ऐलान कर चुकी हैं कि वह बंगाल की सभी सीटों पर लोकसभा में अकेले ही चुनाव लड़ेंगी।

कोलकाता में आयोजित तृणमूल कांग्रेस की वार्षिक शहीदी दिवस रैली में ममता बनर्जी ने सार्वजनिक किया था कि लोकसभा चुनाव-2019 में बंगाल ही असली रास्ता दिखाएगा। उन्होंने कहा कि वह लोकसभा चुनाव-2019 में पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों पर जीत हासिल करेंगी।

इस प्रकार जहां एक तरफ यूपी में बसपा सुप्रीमो मायावती अलग राग अलापती नजर आ रही हैं, वहीं पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव-2019 में खुद को मुख्य केंद्र बिंदु के रूप में पेश करके पहले ही यह घोषणा कर दी है। ऐसे में महागठबंधन किस हद तक सफल होगा, इस पर अभी कुछ भी कहना मुनासिब नहीं होगा।

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