इंटरनेट डेस्क। भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है 'भारतीय थलसेना'। भारतीय सेना में टुकड़ी और रेजीमेंट का विविध इतिहास रहा है जिन्होनें दुनिया भर में कई लड़ाई और अभियानों में हिस्सा लिया है। इन रेजीमेंट्स को जरूरत के हिसाब से मोर्चों पर भेजा जाता है। चलिए इनके बारे में कुछ जानते हैं।

पैराशूट रेजीमेंट
स्थापना: 29 अक्टूबर 1941। ये रेजीमेंट देश के सभी सैन्य बलों को युद्ध के दौरान हवाई मदद पहुंचाता है।

ग्रेनेडियर्स रेजीमेंट
भारतीय सेना में सबसे शक्तिशाली रेजीमेंट मानी जाने वाली यह रेजीमेंट दुश्मन के सामने किसी भी परिस्थिति में मजबूत बने रहती हैं।

गोरखा रेजीमेंट
कायरता से मरना अच्छा’ के साथ अपने टार्गेट को नष्ट करना, अपने लक्ष्य को हासिल करना ही इनका सबसे बड़ा उद्देश्य होता है।

मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री रेजीमेंट
यह 26 बटालियनों में बंटी हुई है जो देश भर में फैली हुई हैं। इन्हें लद्दाख और सिक्किम के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी संचालन के लिए विशेष गौरव प्राप्त है।

पंजाब रेजीमेंट
भारत के सबसे पुराने फौजी रेजीमेंट में से एक लोगेंवाला की लड़ाई में इनका जौहर हम सभी देख चुके हैं जिसने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दी थी।

मद्रास रेजीमेंट
1750 के दशक में अंग्रेजों द्वारा स्थापित इस रेजीमेंट के नाम तमाम उपलब्धियां हैं। इस रेजीमेंट में 23 बटालियन हैं। युद्ध के दौरान केवल एक ही लक्ष्य आघात करो और मारो।

राजपूत रेजीमेंट
विपरीत दिशाओं मे बने कटारों’ का राज चिन्ह प्रदान किया गया था, राजपूत रेजीमेंट का बैज है। सर्वत्र विजय की लाइन के साथ राजपूत रेजीमेंट देश की सेवा करती है।

जाट रेजीमेंट
अंग्रेजों द्वारा 1795 में जाट रेजीमेंट की स्थापना की। जाट रेजीमेंट भारतीय सेना की एक पैदल सेना रेजीमेंट है। यह सेना की सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा वीरता पुरस्कार विजेता रेजीमेंट है।

सिख रेजीमेंट
भारतीय सेना की सबसे खतरनाक सेना सिख रेजीमेंट में 19 बटालियन हैं, जो निश्चय कर अपनी जीत करो के नारे के साथ आगे बढ़ते हैं।

डोगरा रेजीमेंट
सन 1877 में अंग्रेजों द्वारा स्थापित डोगरा रेजीमेंट ने पाकिस्तान के दांत बार-बार खट्टे किए। डोगरा रेजीमेंट को देश के सबसे खतरनाक रेजीमेंट में गिना जाता है।

कुमाऊं रेजीमेंट
सन 1813 कुमाउं रेजीमेंट की स्थापना हुई। तमाम युद्धों में अपना जौहर दिखाने वाली कुमाऊं रेजीमेंट दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में भी तैनात है।

असम रेजीमेंट
15 जून 1941 को असम रेजीमेंट की स्थापना हुई थी। इसने चीन हमले के साथ ही बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भी हिस्सा लिया था।

बिहार रेजीमेंट
1941 में बिहार रेजीमेंट की स्थापना हुई थी। बिहार रेजीमेंट ने आजादी से पहले बर्मा युद्ध, द्वितीय विश्वयुद्ध और सभी भारत-पाक युद्धों में हिस्सा लिया। इन्होने कारगिल युद्ध में भी दुश्मनों के दांत खट्टे किए।

महार रेजीमेंट
सन 1941 में महार रेजीमेंट की स्थापना हुई थी। महार रेजीमेंट में देश के सभी कोने से सिपाहियों की भर्ती की जाती है।

नगा रेजीमेंट
देश की सबसे नई रेजीमेंट नगा रेजीमेंट है। इसकी स्थापना 1970 में हुई। इसने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में हिस्सा लिया। इसके अलावा कारगिल युद्ध के समय द्रास सेक्टर में कमान संभाली।

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