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दोस्तों आपको बता दें कि आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण जन्म 11 अक्टूबर 1902 में हुआ था। आज उनकी 116वीं जयंती है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जयप्रकाश नारायण ने ही 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आपातकाल से देश को मुक्ति दिलाई थी। इंदिरा गांधी का प्रबल विरोध करने के लिए जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था। यही वजह रहा कि इंदिरा गांधी के हाथ से सत्ता तक छिन गई थी।

रामधारी सिंह दिनकर की निम्नलिखित पंक्तियों से आप जयप्रकाश नारायण का ओजपूर्ण परिचय प्राप्त कर सकते हैं। 1946 में जेल से रिहा होने के बाद पटना के गांधी मैदान में जयप्रकाश के स्वागत में उमड़ी भीड़ के समक्ष यह पंक्तियां पढ़ी थीं।

कहते हैं उसको जयप्रकाश जो नहीं मरण से डरता है

ज्वाला को बुझते देख, कुंड में स्वयं कूद जो पड़ता है।

है जयप्रकाश वह जो न कभी सीमित रह सकता घेरे में

अपनी मशाल जो जला बांटता फिरता ज्योति अंधेरे मेंं

हां जयप्रकाश है नाम समय की करवट का, अंगड़ाई का

भूचाल, बवंडर, के दावों से, भरी हुई तरुणाई का

है जयप्रकाश वह नाम जिसे इतिहास समादार देता है

बढ़कर जिनके पदचिह्नों को उर पर अंकित कर लेता है।

इंदिरा गांधी के शासन में देश महंगाई सहित कई अन्य मुद्दों से जूझ रहा था और लोगों के मन में इंदिरा सरकार को लेकर गुस्सा था। उस वक्त जयप्रकाश नारायण ने केंद्रीय सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया। लोकनायक जयप्रकाश ने सत्ता के खिलाफ आक्रोशित जनता का नेतृत्व किया।

उनके जुलूस में लाखों लोगों ने भाग लिया। उन्होंने आपातकाल के विरूद्ध संपूर्ण क्रांति का नारा दिया। इंदिरा गांधी को विरोध का इतना ज्यादा सामना करना पड़ा कि उनके हाथ से सत्ता भी नहीं बची। देश की आजादी से पहले भारत छोड़ो आंदोलन को भी सफल बनाने का श्रेय लोकनायक जयप्रकाश को ​ही दिया जाता है।

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