राजस्थान की राजधानी जयपुर के मानसागर झील के बीचो बीच स्थित है जलमहल। अरावली पहाडिय़ों के गर्भ में मौजूद होने के कारण जलमहल को आई बॉल भी कहा जाता है। कुछ इतिहासकार इसे रोमांटिक महल के नाम से पुकारते हैं। राजा जयसिंह द्वारा निर्मित जलमहल मध्‍यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्‍त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है। हांलाकि वर्तमान में इसे पक्षी अभ्‍यारण के रूप में भी विकसित किया जा रहा है।

जानकारी के लिए बता दें कि जयपुर-आमेर मार्ग पर स्थित मानसागर झील के मध्‍य स्थित जलमहल का निर्माण सवाई जयसिंह ने अश्वमेध यज्ञ के बाद अपनी रानियों और पंडित के साथ स्‍नान करने के लिए करवाया था। इस जलमहल के निर्माण से पहले जयसिंह ने जयपुर की जलापूर्ति के लिए द्रव्यवती नदी पर बांध बनवाकर मानसागर झील का निर्माण करवाया।

आमरे के राजा अपनी रानी के साथ ख़ास वक्‍त बिताने के लिए जलमहल का इस्‍तेमाल करते थे। वे इसका प्रयोग राजसी उत्सवों पर भी किया करते थे।आमेर के कई शासकों ने समय-समय पर इसकी मरम्मत भी करवाई। 18वीं शताब्दी में आमेर के शासक जयसिंह द्वितीय ने इसका पुनर्निर्माण करवाया। जलमहल के निकट आज भी कई ऐतिहासिक इमारते अपनी मौजूदगी दर्शाती हैं। जैसे- आमेर किला, नाहरगढ़ किला, जयगढ़ किला और कनक वृन्दावन घाटी। राजस्थान की ये सभी इमारतें और स्मारक पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं।

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