जानिए आखिर क्यों बाबा पहनते हैं केसरिया रंग का चोला, वजह है वाकई दिलचस्प!
इंटरनेट डेस्क। आपने अक्सर देखा होगा कि बाबा और साधु महात्मा गेरूएं या केसरिया रंग का चोला या कपडे पहनते हैं। आपके दिमाग में इनके कपड़ों को देख कर वाकई में यह सवाल जरूर आया होगा कि आखिर बाबा गेरूएं रंग का यह चोला ही क्यों पहनते हैं। तो आइये जानते हैं खास इसी रंग के कपडे पहनने के पीछे की वजह।
पहली चीज गेरुआ रंग जीवन में नया प्रकाश लाने का प्रतीक होता है। जब सुबह सूरज निकलता है तो उसकी किरणें भी केसरिया होती है। केसरिया रंग को भगवा, गेरुआ या नारंगी रंग भी कह सकते हैं।
एक कारण यह भी है..
इस रंग के चोले को पहनने के पीछे एक वजह यह भी है कि अब आपने सन्यास धारण कर लिया है और सांसरिक जीवन को पूरी तरह से त्याग दिया है। अब आपको मोह माया और सभी लालसाओं को त्याग दिया है।
कोई व्यक्ति सिर्फ इसी वजह से सर्व-गुण-संपन्न या कहें दोषरहित नहीं हो सकता कि उसने संन्यास ले लिया है। इतनी आसानी से किसी भी बुरी आदत का त्याग नहीं किया जा सकता है लेकिन जब वे खास रंग के कपड़े पहनते हैं तो आस पास के लोग भी उन्हें आध्यात्मिक जीवन को अपनाने में मदद करते हैं और उन्हें अलग तरह से देखते है।
आज्ञा चक्र का रंग गेरुआ है
एक और बात जिस से आप परीचित नहीं होंगे वो यह कि हर चक्र का एक अलग रंग होता है। हमारे शरीर में 7 चक्र होते हैं और उनमे सभी का रंग अलग अलग है। भगवा या गेरुआ रंग आज्ञा चक्र का रंग है और आज्ञा ज्ञान-प्राप्ति का सूचक है।
नारंगी रंग पकने का भी सूचक है। प्रकृति में जो भी चीज पकती है, वह आमतौर पर नारंगी रंग की हो जाती है। इसका अर्थ है कि व्यक्ति काफी परिपक्व हो चूका है और उसमे काफी समझ आ चुकी है इसलिए नारंगी रंग के कपड़े पहने जाते हैं। जिस व्यक्ति ने जीवन में नई दृष्टि विकसित कर ली हो वह भी नारंगी रंग पहनता है।