मुंबई में आखिरकार राष्ट्रपति शासन लग चूका है , राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मोदी कैबिनेट की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। लेकिन आपके मन में ये सवाल जरूर होगा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन क्यों लगाया जाता है, और क्या होता ये शासन, तो चलिए आज हम आपको बताते है इसके बारे में ,,

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1.संविधान के अनुच्छेद 356 और 365 में राष्ट्रपति शासन से जुड़े प्रावधान हैं। किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद वह राज्य सीधे केंद्र के नियंत्रण में आ जाता है। अनुच्छेद 356 के अनुसार, राष्ट्रपति को यदि इस बात से संतुष्ट हों कि राज्य सरकार सही से काम नहीं कर रही है तो वह उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं।

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2.चुनाव के बाद यदि किसी पार्टी को बहुमत न मिला हो तो राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। इसके अलावा यदि किसी पार्टी को बहुमत मिला हो लेकिन वह सरकार बनाने से इनकार कर दे। फिर राज्यपाल को कोई दूसरा ऐसा गठबंधन न मिले जो सरकार बनाने की अवस्था में हो, तब भी राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

3.यदि कोई राज्य सरकार के बाद इस्तीफा दे दे तथा दूसरे दल सरकार बनाने की हालत में न हों तो इन परिस्थितियों में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

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4.किसी भी राज्य में एक बार में अधिकतम 6 महीने तक राष्ट्रपति शासन लग सकता है। इसके अलावा अधिकतम तीन साल के लिए ही राष्ट्रपति शासन लगाने की व्यवस्था में है। ऐसा करने के लिए हर 6 महीने में दोनों सदनों से अनुमोदन भी जरूरी है।

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