बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला से जुड़े देवघर निकासी मामले में रांची की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है जिसके बाद तुरंत ही उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया है, गिरफ्तारी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को रांची की बिरसा मुंडा जेल में ले जाया गया,लगभग 22 साल पुराने चारा घोटाले मामले में लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई जा चुकी हैैै।

950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले की कहानी 1994 से शुरू होती है। यह बिहार राज्य का सबसे बड़ा घोटाला था जिसमें पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे के नाम पर सरकारी खजाने से 950 करोड़ रुपये का़ाफर्जीवाड़ा हुआ था।

बता दें लालू प्रसाद यादव को जेल में वीआइपी कैदियों की तरह ट्रीट किया जाएगा लेकिन जेल सूत्रों की मानें तो लालू प्रसाद यादव को जेल में पहले दिन काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लालू के लिए जेल की पहली रात किसी नरक से कम नहीं थी और यही वजह थी कि उनको रात भर नींद ही नहीं आई।


1996 में शुरु हुई सीबीआई की शुरुआती जांच में सामने आया कि चारा घोटाले में शामिल ज्यादातर आरोपियों के तार राष्ट्रीय जनता दल और दूसरी बड़ी पार्टियों से जुड़े हैं। जांच में यह भी सामने आया कि लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में दोषी हैं।

सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, 950 करोड़ के चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, जेडीयू सांसद जगदीश शर्मा सहित 45 आरोपी हैं जिनपर चाईबासा कोषागार 37.7 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप भी है। 1997 में घोटाले के चलते लालू प्रसाद यादव को जेल भी जाना पड़ा और उन्हें मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र भी देना पड़ा लेकिन उन्होंने उस समय अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार की कुर्सी सौंप दी।

ए.बी.ए. बात करे लालू जी की तो जेल में लालू यादव को जो कमरा दिया गया है, उसमें अटैच टॉयलेट बाथरूम है। कमरे में एक चौकी, कंबल, तकिया, मच्छरदानी है. कमरे में एक टीवी भी है। लालू यादव को कैदी नंबर 3351 दिया गया है।


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