इंटरनेट डेस्क। मोदी सरकार अपने चार साल के करियर में कई योजनाएं लेकर आई जिनमे से एक है ‘मेक इन इंडिया’। इस योजना का लक्ष्य देश को वैश्विक विनिर्माण का हब बनाना और अपनी अर्थव्यवस्था को बदलना है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को किया था। तो चलिए जानते है इस योजना का उद्देश्य-

इस अभियान को दुनिया के विभिन्न देशों की राजधानियों तक पहुंचाने के लिए ख़ास इंतज़ाम किए गए हैं। देश की राजधानी के साथ-साथ राज्य की राजधानियों और विदेशों के भारतीय दूतावासों में भी अधिकारी निवेशकों के साथ संवाद स्थापित करेंगे।

सरकार ने 25 ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है जिनमें वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करने की संभावना है। इसमे ऑटोमोबाइल, एविएशन से लेकर रेलवे और थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट जैसे सेक्टर शामिल हैं।

इस अभियान का उद्देश्य भारत की अर्थव्यवस्था को सेवा क्षेत्र समर्थित वृद्धि क्षेत्र से श्रम-प्रधान विनिर्माण क्षेत्र की तरफ़ ले जाना है। इससे क़रीब दस लाख लोगों को रोज़गार मिलने का अनुमान है।

'मेक इन इंडिया' का मक़सद विदेशी कंपनियों को भारत में कारख़ाने स्थापित करने और देश की आधारभूत संरचना में निवेश के लिए प्रेरित करना है। सरकार ने रक्षा और बीमा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए उदार बनाया है।

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