चीन खुद को व्यापारिक और सामरिक दृष्टि से सुदृढ़ बनाने में लगा हुआ है। बता दें कि पाकिस्तान चीन की मदद से अपनी वायु सेना को सबल बनाने में जुटा हुआ है। इसी क्रम में अमेरिका के एफ-16 की तर्ज़ पर चीन के लड़ाकू विमान जे एफ-17 को पाकिस्तान में बनाए जाने पर सहमति बन चुकी है।

इस लड़ाकू विमान को तैयार करने में चीन पाकिस्तान को नेविगेशन सिस्टम, राडार प्रणाली और ऑन बोर्ड हथियारों के निर्माण में मदद करेगा। पाकिस्तान स्थित पंजाब में जे एफ-17 लड़ाकू विमान बनाने के लिए कामरा एयरोनाटिक्ल कम्पलेक्स का चयन कर लिया गया है। जहां लड़ाकू विमान के विभिन्न हिस्सों को जोड़कर लड़ाकू विमान तैयार होंगे।

पाकिस्तान सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा चीन दौरे में राष्ट्रपति शी जिन फ़िंग को आश्वस्त कर चुके हैं कि पाकिस्तान की सेना आर्थिक कारिडोर को पूर्ण संरक्षण देगी। इमरान खान के पेइचिंग दौरे के बाद ऐसा माना जा रहा है कि इस योजना पर इस्लामाबाद की कभी भी मुहर लग सकती है।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, पाकिस्तान में लड़ाकू विमान और सैन्य सामग्री तैयार किए जाने का मूल उद्देश्य चीन द्वारा आर्थिक कॉरिडोर के रूप एक आदर्श मिसाल प्रस्तुत करना है। इतना ही नहीं चीन ने पाकिस्तान में साल 2020 तक बेल्ट एंड रोड परियोजना के अन्तर्गत 35 सेटेलाइट स्टेशन बनाए जाने का लक्ष्य रखा है।

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