बीते रविवार को दिल्ली में जमकर बवाल हुआ कहीं आगजनी की गई तो कहीं जमकर तोड़फोड़ हुई। जामिया से शुरू हुआ शांति प्रदर्शन कब हंगामें में बदल गया, इस बात को कोई नहीं समझ सका। नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान एक तस्वीर काफी छाई हुई है और वो है आयशा रैना की।


आयशा के फेसबुक पेज से पता चलता है कि वह एक पारंपरिक शैली की छात्र कार्यकर्ता नहीं हो सकती है। यह पेज हालांकि अब निष्क्रिय कर दिया गया है।

आयशा ने 31 जुलाई 2015 को किए गए एक पोस्ट में लिखा है, "याकूब मेमन, मुझे खेद है. मैं इस फासीवादी देश में असहाय हूं। मैं एक गुड़िया की तरह पछतावा कर सकती हूं। वहीं जामिया के विरोध का चेहरा बनने के बाद इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया पर प्रसारिता किया गया। इस पोस्ट पर जब पूछा गया तो उसने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

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