INS Karanj, भारत की तीसरी स्कॉर्पीन श्रेणी की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी, बुधवार को मुंबई में भारतीय नौसेना में शामिल की गई। स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी को मुंबई में भारतीय नौसेना में नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और एडमिरल (सेवानिवृत्त) वीएस शेखावत की उपस्थिति में शामिल किया गया था।


ये एक घातक हथियार है क्योकिं ये दुश्मन के सबसे नजदीक जाकर हमला कर सकती है।ये आकार में छोटी है तो समुद्र के मैन्यूवरिंग आसान है। आकार में छोटी होने की वजह से दुश्मन को इसे लोकेट करने में दिक्कत आएगी। दुश्मन की पनडुब्बियों और जहाजों के लिए समंदर में बारूदी खान बिछाने की एक्सपर्ट है।

इस अवसर पर बोलते हुए, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा, "भारतीय नौसेना पिछले 7 दशकों से रक्षा में स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता की एक मजबूत प्रस्तावक है। वर्तमान में, 42 जहाजों और पनडुब्बियों में से, ऑर्डर पर 40 का निर्माण किया जा रहा है। ''

इसकी लंबाई 221 फीट, बीम 20 फीट और ऊंचाई 40 फीट है। इसका वजन 1615 टन होता है, लेकिन जब यह पानी के अंदर होती है तब इसका वजन 1775 टन होता है। सतह के ऊपर इसकी गति 20 किलोमीटर प्रतिघंटा है। पानी के अंदर इसकी गति 37 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।


सतह पर इसकी रेंज 12 हजार किलोमीटर है और पानी के अंदर 1020 किलोमीटर है। यह 50 दिनों तक पानी के अंदर रह सकती है।

आईएनएस करंज एक बार में 12000 किमी तक की यात्रा कर सकती है। इसमें 8 अफसर और 35 नौसैनिक काम करते हैं। ये समुद्र के अंदर 350 मीटर तक गोता लगा सकती हैं।

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