भारतीय नौसेना को पहले से ज्यादा ताकतवर बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नौसेना में 56 जंगी जहाज और 6 सबमरीन को शामिल करने की अनुमति सरकार से मिल चुकी है। इतना ही नहीं इंडियन नेवी में स्वदेशी एयरक्राफ्ट विक्रांत भी शामिल होगा, जो बनकर तैयार हो चुका है।

इंडियन नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा अभी पिछले महीने यह बयान दे चुके हैं कि तीनों सेनाओं में तालमेल सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ी डील की गई है। एडमिरल लांबा ने इंडियन नेवी के आधुनिकीकरण के लिए उठाए गए कई नए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नौसेना में विशाल पैमाने पर सैन्य जेट और हेलीकॉप्टरों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण भी अगले तीन सालों में शुरू हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों से समुद्र में मिल रही चुनौतियों को देखते हुए 2050 तक हमारे पास 200 जंगी जहाज और 500 एयरक्राफ्ट होंगे। जो कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ नौसेनाओं में से एक होगी। सुनील लांबा ने कहा कि इंडियन नेवी के पास केवल एक फ्रंट है, वह है भारतीय महासागर। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी नेवी से हम बहुत आगे हैं।

भारतीय महासागर में शक्ति संतुलन भारत के पास है। इस साल न्यूक्लियर सबमरीन आईएनएस अरिहंत की सफलता ने इंडियन नेवी की ताकत को बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि आईएनएस अरिहंत न्यूक्लियर पावर वाली बैलेस्टिक मिसाइल सबमरीन है।

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