इंडियन आर्मी में शामिल तोप के-9 वज्र की खासियत, पलभर में कर सकती है दुश्मन का खात्मा
दोस्तों, आपको बता दें कि ताकतवर तोप के-9 वज्र को इंडियन आर्मी में शामिल कर लिया गया है। ऐसे में भारतीय सेना युद्ध के समय पराक्रम, जांबाजी और शौर्य की एक और नई इबारत लिखने में सक्षम हो जाएगी। बता दें कि वर्षों बाद किसी ताकतवर तोप को भारतीय सेना में शामिल किया गया है। पड़ोसी देशों से मिल रही चुनौतियों को देखते हुए इंडियन आर्मी में इस तोप की मांग काफी लंबे समय से की जा रही थी।
आइए जानें, के-9 वज्र तोप की खासियत।
1. के-9 वज्र की मारक क्षमता
यह शक्तिशाली तोप अधिकतम 38 किमी. तक मार कर सकती है। इतना ही नहीं यह तोप 3 मिनट में 15 गोले तथा 30 सेकेंड में तीन गोले दागने में सक्षम है।
2. दक्षिण कोरिया करेगा 100 के-9 वज्र तोपों की आपूर्ति
दोस्तों, आपको बता दें कि भारत ने दक्षिण कोरिया से के-9 वज्र तोपों को 4,366 करोड़ रुपए की लागत से अपनी सेना में शामिल करने का निर्णय लिया है। कुल 100 तोपों में 10 तोपों की आपूर्ति दक्षिण कोरिया नवंबर महीने में ही करेगा। शेष 90 के-9 वज्र तोपें भारत में ही बनेंगी।
3. तीन मिनट में 60 राउंड गोले दागने में सक्षम
ताकतवर के-9 वज्र तोपें युद्ध का पासा पलट सकती हैं, क्योंकि यह तोप महज तीन में 60 राउंड गोले दागने में सक्षम है।
4. राइफल की तरह फायर करने में भी सक्षम
के-9 वज्र तोपें घातक हथियार राइफल की तरह सीधे फायर भी कर सकती है। लेकिन तब इसकी मारक क्षमता महज एक किमी. रह जाती है।
5. देवलाली तोपखाने में सफल परीक्षण
महाराष्ट्र के देवलाली तोपखाने के फायरिंग रेंज में के-9 वज्र तोप की ताकत का नमूना पेश किया गया। इस मौके पर केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत तथा रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे आदि मौजूद रहे। यह तोप पाकिस्तान से लगी भारतीय सीमा के लिए बहुत उपयोगी मानी जा रही है।
6. ये दो कंपनियां मिलकर तैयार करेंगी यह तोप
के-9 वज्र तोप की पहली खेप हनवाटेक्विन कंपनी से अर्ध विकसित स्थिति में आयात की गई है। इस तोप को लार्जन एंड टुब्रो कंपनी की मदद से विकसित किया जाएगा। बाकी तोपें दक्षिण कोरिया की मदद से भारत में ही बनाई जाएंगी।
7. 2020 तक तैयार होंगी 100 के-9 वज्र तोपें
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, साल 2020 तक 4,366 करोड़ रुपए की लागत से बनी 100 के-9 वज्र तोपों को भारतीय तोपखाने में शामिल कर लिया जाएगा। इस क्रम में साल 2019 में 40 तोपें सेना में शामिल हो जाएंगी।