भारत देश के पास कई शानदार मिसाइल और अन्य ऐसे हथियार है जो बेहद दमदार है। इन हथियारों के सामने अन्य दुश्मन के हथियार भी फेल हैं। लेकिन आज हम एक ऐसे मिसाइल की बात कर रहे हैं जिसके निर्माण के समय ही देश सकते में आ गए थे। भारत की मिसाइल वुमेन कहलाने वाली टेसी थॉमस के नेतृत्व में डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने इस खास मिसाइल को तैयार किया था। इस हथियार को अग्नि-5 के नाम से जाना जाता है।

ये वाकई में एक दमदार मिसाइल है जो 5000 से 5500 किमी की दूरी तक वार कर पाने में सक्षम है। अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल वाकई में भारत की सबसे एडवांस्ड मिसाइल में से एक है। यह मिसाइल खास इसलिए ही क्योकिं अग्नि-5 के सिस्टम में थोड़ा बदलाव कर के इसकी मारक श्रमता को 8000 किलोमीटर तक बढ़ा सकते हैं।

ये मिसाइल वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का नतीजा है। इस मिसाइल में रिंग लेसर गायरो बेस्ड इनरशियल नेविगेशन सिस्टम (रिन्स) के साथ साथ और भी अत्याधुनिक आर सटीक माइक्रो नेविगेशन सिस्टम (मिंस) टेक्निक्स का इस्तेमाल किया गया है जिस से कि यह मिसाइल और भी बेहतर बन गया है। इस मिसाइल की मदद से एकदम सटीक निशाना लगाया जा सकता है। जहाँ तक इसके निशाने की बात करें तो इसका निशाना इतना सटीक है कि यह 10 से 80 मीटर के दायरे में रखे गए किसी भी लक्ष्य को कई हजार किलोमीटर दूर से ही फायर कर के एकदम सही निशाना लगा सकती है।

ऐसे करती है ये काम
इस मिसाइल का वजन 50,000 किलो है और एक बार लांच होने के बाद ये मिसाइल सबसे पहले धरती से 100 KM की पूर्ण ऊंचाई पर पहुंचती है। इसके बाद यह अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती है और निशाना लगाती है। गुरुत्वाकर्षण की वजह से अग्नि-5 की रफ्तार कई गुणा और भी बढ़ जाती है। टर्मिनल फेस (धरती पर लौटते) के समय इस मिसाइल की रफ्तार 24 मैक यानि लगभग 29,635 किमी प्रति घंटा हो जाती है। इसी कारण से इसका टेम्प्रेचर 400 डिग्री सेल्सियस को क्रॉस कर जाता है। इतना गर्म होने के बाद भी इस मिसाइल में विस्फोट नहीं होता, क्योंकि स्वदेशी कार्बन परत की मदद से मिसाइल के अंदर वारहेड का तापमान ज्यादा से ज्यादा 50 डिग्री तक ही पहुंचता है।

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